ओवेरियन कैंसर तथा ब्रेस्ट कैंसर उन्होंने बताया कि मां का दूध बच्चे के लिए बेहद सुपाच्य होता है तथा प्रथम 3 दिनों तक निकलने वाले गाढ़े पीले दूध जिसे कोलोस्ट्रम भी कहते हैं ,उसमें अनेक पौष्टिक तत्व होते हैं जो बच्चे को न सिर्फ संक्रमण से बचाते हैं बल्कि उसके इम्यून सिस्टम को भी मजबूत करते हैं। प्रसव के बाद 1 घंटे के भीतर शिशु को मां का दूध पिलाना जरूरी है। नियमित रूप से स्तनपान कराने वाली माताओं को भी लाभ होता है । उनमें मोटापा, ओवेरियन कैंसर तथा ब्रेस्ट कैंसर की समस्या नहीं होती। डॉक्टर सलमान ने कहा कि सर्दी जुकाम होने पर भी माताओं को बच्चों को स्तनपान कराना बंद नहीं करना चाहिए। मां को कोई भी बीमारी हो,स्तनपान बंद नहीं करना चाहिए । उन्होंने बताया कि डिब्बाबंद दूध बच्चों की सेहत के लिए नुकसानदायक होता है।
ब्रेस्ट फीडिंग कार्नर होना जरुरी डिब्बाबंद दूध में प्रिजर्वेटिव मिलाए जाते हैं जो प्रोटीन, विटामिन तथा कैल्सियम को खत्म कर देते हैं ।इससे बच्चों की हड्डियां कमजोर हो जाती है। वे देखने में जरूर सुंदर लगते हैं लेकिन वास्तव में इससे बच्चे कमजोर हो जाते हैं । डॉक्टर सलमान ने बताया कि माताओं को बच्चों को 2 साल तक स्तनपान कराते रहना चाहिए और 6 महीने तक केवल मां का दूध ही बच्चे के लिए काफी होता है। 6 महीने तक के बच्चे को ऊपर से पानी पिलाने या दूध पिलाने की जरूरत नहीं होती। उन्होंने सभी से यह अपील भी की कि प्रत्येक कार्यालय में ब्रेस्ट फीडिंग कार्नर अवश्य बनबा दें।