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विश्व गर्भनिरोध दिवस पर नवदम्पतियों दिए जाएंगे ये जरूरी निर्देश, अपनाने होंगे ये तरीके

locationलखनऊPublished: Sep 25, 2019 07:50:31 pm

Submitted by:

Neeraj Patel

स्वास्थ्य विभाग की तरफ से 26 सितम्बर यानि गुरुवार को प्रदेश के सभी जनपदों में विश्व गर्भनिरोध दिवस मनाया जाएगा।

विश्व गर्भनिरोध दिवस पर नवदम्पतियों दिए जाएंगे ये जरूरी निर्देश, अपनाने होंगे ये तरीके

विश्व गर्भनिरोध दिवस पर नवदम्पतियों दिए जाएंगे ये जरूरी निर्देश, अपनाने होंगे ये तरीके

लखनऊ. स्वास्थ्य विभाग की तरफ से 26 सितम्बर यानि गुरुवार को प्रदेश के सभी जनपदों में विश्व गर्भनिरोध दिवस मनाया जाएगा। महानिदेशक परिवार कल्याण डॉ. उमाकान्त के अनुसार विश्व गर्भनिरोध दिवस पर प्रदेश के सभी जिला मण्डलीय चिकित्सालय, महिला चिकित्सालय, प्राथमिक व सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों और आरोग्य केन्द्रों पर आयोजन होंगे।

आयोजन के दौरान गर्भ निरोध साधनों के प्रति जानकारी बढ़ाने, युवा दम्पतियों को यौन एवं प्रजनन स्वास्थ्य पर सूचित विकल्प देकर अपने परिवार के प्रति निर्णय लेने के लिये सक्षम बनाने का काम किया जाएगा। इसके अलावा राजकीय अस्पतालों एवं स्वास्थ्य केन्द्रों पर सभी स्वस्थ्यकर्ताओं को भी 26 सितम्बर को विश्व गर्भनिरोध दिवस के रूप में मनाने की महत्ता पर जानकारी दी जाएगी।

आयोजित किए जाएं सास-बहू सम्मेलन

परिवार कल्याण महानिदेशक ने मुख्य चिकित्साधिकारी को भेजे गए पत्र में निर्देश दिया है कि विश्व गर्भनिरोध दिवस पर स्वास्थ्य केन्द्रों पर सभी आधुनिक परिवार नियोजन के साधनों विशेषकर आधुनिक अन्तराल विधियों का स्टाल लगाकर प्रदर्शन किया जाए। वहीं परिवार नियोजन के सूचित विकल्प देने हेतु राजकीय अस्पतालों पर परामर्श सत्रों का आयोजन किया जाए। कार्यक्रम को शत प्रतिशत सफल बनाने के लिए आशा बहुओं की ओर से नवदम्पतियों को नयी पहल किट उपलब्ध कराई जाए। इसके अलावा जनपदों में सास-बहू सम्मेलन आयोजित किए जाएं।

हले और दूसरे बच्चे के बीच तीन वर्ष का अन्तर जरूरी

सरकारी योजना के अंतर्गत नवदम्पतियों को शादी के दो वर्ष बाद पहला बच्चा, पहले और दूसरे बच्चे के बीच तीन वर्ष का अन्तर और उसके बाद नसबन्दी करवाने का परामर्श देना योजना के तहत आशा बहुओं को प्रोत्साहन का भुगतान होता है। नवदम्पति की शादी के बाद दो वर्ष के अन्तराल एवं पहले बच्चे के बाद तीन वर्ष का अन्तराल रखने पर आशा बहुओं को पांच-पांच सौ रुपये तथा दो बच्चों के बाद स्थायी साधन अपनाने पर हर आशा को एक-एक हजार रुपये बतौर प्रोत्साहन घनराशि दी जाती है।

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