scriptWorld Heritage Day 2021: कैसे कोई धरोहर विश्व धरोहर सूची में होती है शामिल, जानें पूरा प्रोसेस | World Heritage Day 2021 know how any heritage makes to the list | Patrika News

World Heritage Day 2021: कैसे कोई धरोहर विश्व धरोहर सूची में होती है शामिल, जानें पूरा प्रोसेस

locationलखनऊPublished: Apr 18, 2021 02:00:29 pm

Submitted by:

Abhishek Gupta

विश्व धरोहर सूची (World Heritage List) में सिर्फ स्मारक या भवन नहीं, ऐतिहासिक शहर, रेगिस्तान, जंगल, द्वीप, झील, पहाड़ भी शामिल हो सकते हैं। इनके चयन की जिम्मेदारी वर्ल्ड हेरिटेज साइट समिति (World Heritage Site committee) पर होती है।
 

World Heritage Day

World Heritage Day

पत्रिका न्यूज नेटवर्क.

लखनऊ. World Heritage Day 2021 उत्तर के आगरा स्थित ताजमहल, आगरा फोर्ट व फतेहपुर सीकरी विश्व धरोहर सूची (World Heritage List) में देश का शान बढ़ा रहे हैं। अपने ऐतिहासिक और सांस्कृतिक मूल्यों को संजोय यह तीनों धरोहर विश्व भर के पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करती हैं। पर आखिर कैसे कोई धरोहर विश्व धरोहर सूची में शामिल होती हैं? एक-एक कर इसके पूरे प्रोसेस को आज समझते हैं।
ये भी पढ़ें- World Heritage Day : क्यों मनाते हैं विश्व धरोहर दिवस, जानें- इतिहास, महत्व और इस साल की थीम

धरोहर मतलब विरासत या थाती। इंसान ने खुद के विकास के साथ बहुत कुछ बनाया व बिगाड़ा है। यदि मानवता के मद्देनजर किसी जगह का विश्व स्तर पर मूल्य हो, तो उन्हें भविष्य की पीढ़ियों के लिए संरक्षित किया जाता। इनमें से कुछ धरोहरों को विश्व धरोहर स्थल (वर्ल्ड हेरिटेज साइट) का दर्जा मिलता है। यह उस जगह को सांस्कृतिक, ऐतिहासिक या दूसरे महत्व पर निर्भर करता है। विश्व धरोहर सूची में सिर्फ स्मारक या भवन नहीं, ऐतिहासिक शहर, रेगिस्तान, जंगल, द्वीप, झील, पहाड़ भी शामिल हो सकते हैं। इनके चयन की जिम्मेदारी वर्ल्ड हेरिटेज साइट समिति पर होती है। और यह समिति यूनेस्को वर्ल्ड हेरीटेज कन्वेंशन, 1972 (UNESCO World Heritage Convention, 1972) के अंतर्गत आती है।
ये भी पढ़ें- World Heritage Day 2021: अकबर ने बनवाया था Agra Red Fort, 4 हजार कारीगरों ने 8 साल में किया था तैयार

वर्ल्ड हेरिटेज का दर्जा मिलने का क्या है पैमाना-
वर्ल्ड हेरिटेज का दर्जा मिलने के दो पैमाने हैं। एक सांस्कृतिक व दूसरा प्राकृतिक। सांस्कृतिक पैमाने के बिंदु निम्न हैं-
– ये स्थल इंसान की रचनात्मक मेधा के मास्टरपीस होने चाहिए।
– किसी नष्ट हो चुकी सभ्यता की सांस्कृतिक परंपरा को यह दिखाते हों।- मानवीय मूल्यों के आदान-प्रदान, आर्किटेक्चर, टेक्नॉलजी, स्मारक कला, प्लानिंग, डिज़ाइन को दिखाते हों।
– मानव इतिहास के अहम पड़ाव के यह उदाहरण होने चाहिए।
वहीं प्राकृतिक पैमानों की यदि बात करें तो-

– ये जगहें असाधारण प्राकृतिक सुंदरता व परिघटना को दिखाती हों.
– पृथ्वी के इतिहास, जीवन के रिकॉर्ड, लैंडफॉर्म में बदलाव का यह उदाहरण हों।
– इकोलॉजी, बायोलॉजिकल प्रक्रियाओं और बायोलॉजिकल डायवर्सिटी, तटीय या समुद्री इको सिस्टम, पेड़-पौधों और जानवरों के महत्व को भी यह दिखाती हों।
की जाती है सिफारिश-
वर्ल्ड हेरिजेट सूची में किसी भी धरोहर को शामिल करने के लिए सर्वप्रथम दो संगठनों द्वारा उसका आंकलन किया जाता है। इनमें एक अंतरराष्ट्रीय स्मारक एवं स्थल परिषद और दूसरा विश्व संरक्षण संघ है। इसके बाद विश्व धरोहर समिति से सिफारिश की जाती है। फिर समिति निर्णय लेती है कि किसी नामांकित संपदा को विश्व धरोहर सूची में सम्मिलित करना है या नहीं।
भारत दुनिया में पांचवे स्थान पर-
देश की अब तक 40 वर्ल्ड हेरिटेज साइट्स हैं। इनमें 30 सांस्कृतिक, सात प्राकृतिक व एक मिश्रित स्थल है। पहली दफा सांस्कृतिक महत्व के स्थल के तौर पर 1983 में ताज महल, आगरा का किला, अजंता की गुफा व एलोरा की गुफा को यूनेस्को ने विश्व धरोहर का दर्जा दिया था। इसके बाद से फेहरिस्त बढ़ती गई। दुनिया की बात करें तो जून, 2020 तक 167 देशों में 1,121 वर्ल्ड हेरिटेज साइट हैं। इनमें भारत पांचवे स्थान पर है। सबसे आगे हैं चीन (55), फिर इटली (55)। दूसरे स्थान पर स्पेन (48) है, तीसरे पर जर्मनी (46), चौथे पर फ्रांस (45) हैं।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो