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World Homeopathy Day 2021 :अन्य चिकित्सा पद्धतियों की अपेक्षा सरल और सुगम है होम्योपैथी : डॉ. अनुरुद्ध

locationलखनऊPublished: Apr 09, 2021 10:08:10 pm

Submitted by:

Ritesh Singh

सफ़ेद रंग की मीठी गोलियों में दी जाती हैं ।यह पद्धति पूरी तरह से वैज्ञानिक है ।

World Homeopathy Day 2021 :अन्य चिकित्सा पद्धतियों की अपेक्षा सरल और सुगम है होम्योपैथी : डॉ. अनुरुद्ध

World Homeopathy Day 2021 :अन्य चिकित्सा पद्धतियों की अपेक्षा सरल और सुगम है होम्योपैथी : डॉ. अनुरुद्ध

लखनऊ,एलोपैथ व अन्य प्राकृतिक चिकित्सा पद्धतियों की तरह होम्योपैथी का भी एक विशेष स्थान है।हर वर्ष 10 अप्रैल को होम्योपैथी के जनक सैमुएल हेनिमैन के जन्म दिवस पर विश्व होम्योपैथी दिवस मनाया जाता है।उनका जन्म 10 अप्रैल 1755 को जर्मनी के सेक्सोनी नामक शहर में हुआ था। इस वर्ष पूरी दुनिया उनकी 266वीं जयंती मना रही है । नेशनल होम्योपैथी परिषद् के पूर्व सदस्य व वरिष्ठ होम्योपैथिक चिकित्सक डा. अनुरुद्ध वर्मा बताते हैं – होम्योपैथी को वैकल्पिक चिकित्सा के रूप में जाना जाता है । इसमें दवाइयाँ सफ़ेद रंग की मीठी गोलियों में दी जाती हैं ।यह पद्धति पूरी तरह से वैज्ञानिक है ।
होम्योपैथी अन्य चिकित्सा पद्धतियों की अपेक्षा सरल, सुगम, दुष्परिणाम रहित, अपेक्षाकृत सस्ती एवं दूरगामी लाभदायक परिणामों वालो चिकित्सा पद्धति है।इसकी दवाएं वनस्पतियों, खनिज एवं धातु तत्वों से बनायीं जाती हैं। यह पद्धति बीमारी को जड़ से समाप्त करती है।
इसकी दवाएं दुर्घटनाग्रस्त एवं गंभीर सर्जिकल रोगों को छोड़कर सभी तरह की बीमारियों के उपचार में पूरी तरह सक्षम हैं। यह पुराने एवं नए दोनों तरह के रोगों का इलाज करने में सक्षम एवं समर्थ है । यह बच्चों, महिलाओं एवं वृद्धों में समान रूप से अच्छा फायदा करती है । यह पद्धति लक्षणों के आधार पर व्यक्ति के सम्पूर्ण रोगों का इलाज करती है । यह बच्चों में वंशानुगत दोषों के कारण होने वाली बीमारियों की सम्भावना को समाप्त करती है । डा. वर्मा बताते हैं कि मानसिक एवं स्नायुविक बीमारियों में यह बेहतर एवं दीर्घकालिक प्रभाव रखती है। यह शल्य चिकित्सा प्रणाली से अलग है, लेकिन यह कई सर्जिकल बीमारियों जैसे ट्यूमर, सिस्ट्स, फाइब्राईड, प्रोलेप्स ऑफ़ यूटेरस आदि में भी कारगर साबित होती है।साथ ही महिलाओं में होने वाले रोगों जैसे- ल्यूकोरिया, अनियमित माहवारी, हार्मोनल समस्या, गर्भाशय एवं ओवरी के विभिन्न रोग।
डा. अनुरुद्ध बताते हैं कि गंभीर दुर्घटनाग्रस्त रोगों में सांप काट लेने पर, जहर खाने वाले रोगियों में होम्योपैथी से उपचार नहीं कराना चाहिए।केवल मान्यता प्राप्त डिग्री /डिप्लोमाधारी एवं प्रशिक्षित चिकित्सकों से ही इलाज कराना चाहिए ।होम्योपैथिक दवाएं अन्य पद्धतियों की दवाइयों से तेज फायदा करती हैं | होम्योपैथिक के उपचार के दौरान उन वस्तुओं को खाने- पीने से मना किया जाता है जो रोग को बढ़ा सकती हैं यह नयी तकलीफ उत्पन्न कर सकती हैं अथवा दवा के असर को निष्क्रिय या कम कर सकती हैं । इस पद्धति में किसी तरह के इंजेक्शन नहीं लगाये जाते हैं।
होम्योपैथिक दवाएं शरीर पर एलोपैथिक दवाइयों की तरह कोई साइड इफेक्ट नहीं डालती हैं परन्तु यदि बिना जाने –समझे, बिना चिकित्सक की सलाह के प्रयोग की जाएँगी तो नुकसान भी कर सकती हैं।इस पद्धति में हर रोगी के लिए उसके लक्षणों के आधार पर अलग-लग दवाएं दी जाती हैं । होम्योपैथिक दवाएं तम्बाकू, सिगरेट एवं शराब की लत को भी छुड़ा सकती हैं और यह उन लोगों को भी बराबर फायदा करती हैं जो उपरोक्त तम्बाकू, सिगरेट एवं शराब का सेवन करते हैं।
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