काफी जहरीली होती है स्टोन फिश स्टोन फिश इंडियन ओशियन के छिछले और पत्थरों वाले क्षेत्र में पाई जाती है। पत्थर और इस मछली में अंतर कर पाना थोड़ा मुश्किल है। इसलिए अक्सर लोग इस मछली से धोखा खा जाते हैं। लोग गलती से मछली को पत्थर समझ कर उस पर पैर रख देते हैं और यही गलती लोगों के जान पर भारी पड़ जाती है। अधिकतम 45 सेंटीमीटर तक लम्बाई वाली इस मछली को जहरीली मछली के लिस्ट में रखा गया है। खानें में इसको जिंदा मछली पंसद होती है। इसके अलावा जू में दो मरीन एक्वेरियम में लायन फिश, जलीय जीव यानि की एनीमोन, यलो टेल की दुर्लभ प्रताति की डैमसिल फिश भी मौजूद है।
स्टोन फिश एक ऐसी मछली है जिसने अपनी रीढ की हड्डी को कांटे की तरह विकसित किया है और 2018 में आस्ट्रेलियां में हुए शोधों से पता चला कि यह मछली रीढकी हड्डी को रक्षात्मक तौर पर इस्तेमालकर उससे अपने दुश्मन मछली और आदमियों में जहर डाल देती है। जिसका जहर सांप जैसा घातक होता है और बिना एंटीवेनम लिये इससे बचना मुश्किल है।
पलक झपकते ही ले सकती है जान शरीर को छूते ही स्टोनफिश 0.5 सेकेंड की तेजी से अपना जहर छोड़ती है। पलक झपकते ही कुछ सेकेंड्स के अंदर यह किसी की जान ले सकती है। कहते हैं कि इस मछली के जहर की एक बूंद भी अगर किसी शहर के पानी में मिला दी जाए तो शहर के हर इंसान की मौत हो सकती है।