विकसित होने का जोखिम अधिक सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल के सीनियर आर्थोपेडिक सर्जन डॉक्टर संदीप गुप्ता ने बताया कि महिलाओं में ये रोग मुख्यत पचास वर्ष की उम्र के बाद होता है। पुरुषों की तुलना में ऑस्टियोपोरोसिस से पीड़ित होने का अधिक खतरा महिलाओं को होता है। ऑस्टियोपोरोसिस से पीड़ित होने वाले माता-पिता या भाई-बहनों के पारिवारिक सदस्यों में Osteoporosis के विकसित होने का जोखिम अधिक होता हैं। Osteoporosis रोग से बचने के लिये सभी को कैल्शियम और विटामिन डी युक्त खाद्य पदार्थों जैसे कि दूध, दही एवं हरी पत्तेदार सब्जियों से भरपूर संतुलित आहार का सेवन करने के साथ-साथ धूप के संपर्क में रहना चाहिये। हड्डियों की क्षति को रोकने के लिए नियमित व्यायाम करना चाहिये। धूम्रपान एवं हद से ज्यादा शराब का सेवन नहीं करना चाहिये।
हड्डी के फ्रैक्चर के प्रभाव को महसूस नहीं करता सर्जरी हास्पिटल के सीनियर आथ्रोपेडिक डॉक्टर संजय श्रीवास्तव ने बताया कि Osteoporosis एक साइलेंट बीमारी है, रोगी जब तक Osteoporosis की जटिलताओं जैसे दर्द, कूल्हे एवं रीढ़ की हड्डी के फ्रैक्चर के प्रभाव को महसूस नहीं करता है, तब तक रोगी को पता ही नहीं चलता है कि वह Osteoporosis से पीड़ित है। ऐसे में Osteoporosis रोग से बचाव के लिये अपने आपको योग एवं ध्यान में व्यस्त रखना चाहिये साथ ही अपने शरीर के वजन, कैल्शियम एवं विटामिन डी के स्तर की नियमित जाँच जरूर करवाते रहना चाहिये।