दुनिया में भारत का डंका बजना शुरू
बताया जा रहा है कि सूचना प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में दुनिया में भारत का डंका बजना जोरों से शुरू हो रहा है। ये तो सच है कि ये सब मानव संसाधन के बिना हासिल करना कुछ भी संभव नहीं हैं लेकिन जब सड़कों पर लोगों की भीड़ देखी जाती हैं, ट्रेनों में यात्रियों को बैठने के लिए जगह नहीं मिलती है, अस्पतालों में मरीजों के लिए बेड नहीं मिलते हैं, करोड़ों की संख्या में मासूम भूखे पेट सोने के लिए मजबूर होते हैं। तो बढ़ रही जनसंख्या मन और मष्तिष्क पर सीधा प्रहार करती है। जिससे लोगों को कई प्रकार की परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
सीएम योगी आदित्यनाथ यह कहा
विश्व जनसंख्या दिवस के अवसर पर उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि जनसंख्या पर लगाम लगाने के लिए सरकार बिना किसी भेदभाव के आगे बढ़ रही है। जनसंख्या विस्फोट के बारे में जागरुक करने के लिए जनता को शिक्षित करने की जरूरत है। इसके साथ ही जनसंख्या स्थिरीकरण हमारे लिए एक गंभीर चुनौती से कम नहीं है।
विश्व जनसंख्या दिवस पर कुछ आवश्यक जानकारी
1. विश्व जनसंख्या दिवस हर साल 11 जुलाई को मनाया जाता है।
2. मौजूदा समय में दुनिया की आबादी करीब 7.5 अरब है जिसमें 1.25 अरब आबादी भारत की है। बताया जा रहा है कि 2045 तक भारत दुनिया का सबसे बड़ा जनसंख्या वाला देश बन सकता है।
3. एक रिपोर्ट के अनुसार ईसा के 1000 साल बाद पुरी दुनिया की आबादी लगभग 40 करोड़ थी।
4. अठारहवीं सदी के मध्य तक दुनिया की आबादी 80 करोड़ हो गई थी। इसका अर्थ ये है कि दुनिया की आबादी को दोगुना होने में करीब 750 साल लग गए।
5. लेकिन 19वीं सदी और 20वीं सदी जनसंख्या के मामले में विलन साबित हुई है। 1804 में आबादी का आंकड़ा एक अरब के पार हो गया था। जबकि 1960 में ये आंकड़ा 3 अरब हो गया था। यह आंकड़ा अब भयावह रूप से 6 अरब हो गया है। यानि की 1960 से 2000 के बीच दुनिया की आबादी में दोगुना की बढ़त्तरी हुई।
6. संयुक्त राष्ट्र संघ के आंकड़ों के अनुसार 2023 तक दुनिया की आबादी लगभग 8 अरब और 2056 तक 10 अरब के पार हो सकती है।