उन्होने बताया कि भारत में 4 करोड़ से ज्यादा मरीज थायरॉयड विकार से ग्रसित हैं। थायरॉयड विकारों में से सबसे आम हाइपोथायरायडिज्म है, जो कि 25 में से 1 से 10 में से 1 को प्रभावित करता है। जब थायरॉयड ग्रंथि शरीर की जरूरत को पूरा करने के लिए पर्याप्त थायरॉयड हॉर्मोन नहीं बना पाती है तब हाइपोथायरायडिज्म होता है। यह पुरुषों की तुलना में महिलओं को अधिक प्रभावित करता है।
यह हैं खास लक्षण हाइपोथायरायडिज्म के विभिन्न प्रकार के लक्षण हो सकते है जैसे उदासी, थकान, बालों का झड़ना, सर्दी, कब्ज़, खीची त्वचा, सेक्स इच्छा में कमी, बांझपन और वज़न में वृद्धि। 35 साल के ऊपर हर व्यक्ति को थायरॉयड की जाँच करवाना चाहिए। डायबिटीज और हार्ट डिसीज के बाद यह सबसे ज्यादा होने वाली बीमारी है। आमतौर पर महिलाओं को मेनोपॉज के समय थायरॉइड का खतरा ज्यादा रहता है और वो इस बीमारी के लक्षणों को गंभीरता से नहीं लेती, क्योंकि कई बार तो वो इसे समझ ही नहीं पाती हैं।