अखिलेश यादव ने कहा कि आज हमें वे दिन याद करना चाहिए जब कहा गया था नोटबन्दी के बाद आतंकवाद की कमर टूट जाएगी और अवैध ट्रांजेक्शन बंद हो जाएंगे। फिर कैसे पीएफआई के द्वारा करोड़ों रूपए की मदद की जा रही है। पूर्व सीएम ने कहा कि अर्थव्यवस्था की डफली फट गई है तो सरकार सत्य को मारना चाह रही है। इसके लिए वह हिंसा का सहारा ले रही है। जो लोग आज सरकार में बैठे हैं, यही लोग बाद में रजाई में मुंह छुपा कर रोएंगे। कहा कि केंद्र सरकार अब नोटबंदी की बात ही नहीं, करती क्योंकि वह भी फेल हो गया था। अब एक बार फिर से देश को लाइन में लगाने की कोशिश की जा रही है। हम नागरिकता कानून, एनआरसी और एनपीआर का विरोध करते हैं क्योंकि यह असांवैधानिक है।
भारतीय जनता पार्टी सरकार में वित्त मंत्री रहे यशवंत सिन्हा के नेतृत्व में 9 जनवरी 2020 को ‘गांधी शांति यात्रा’ शुरू हुई थी। एनसीपी नेता शरद पवार ने यात्रा को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया था। इसका मकसद देश भर में घूम-घूम कर एनआरसी और सीएए के विरोध में लोगों को जागरूक करना है। गेटवे ऑफ इंडिया से शुरू हुई ‘गांधी शांति यात्रा’ राजस्थान, उत्तर प्रदेश, हरियाणा होते हुए 30 जनवरी 2020 को राजघाट पहुंचेगी, जहां उसका समापन होगा। 30 जनवरी को महात्मा गांधी की पुण्यतिथि भी है। इस दौरान गांधी शांति यात्रा कुल 3000 किलोमीटर का लंबा रास्ता तय करेगी।