योगी ने क्या दिए थे आदेश मुख्यमंत्री ने लोकनिर्माण विभाग द्वारा कराए गए कार्यों की भी समीक्षा की गई। यह विभाग डिप्टी सीएम केशव प्रसादा मौर्य के पास है। उन्होंने सड़कों की मरम्मत एवं गड्ढामुक्ति की समीक्षा की। सड़कों की खराब स्थिति पर सीएम नाराज हुए और उन्होंने 15 नवम्बर, तक पूरा करने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने आदेश दिए कि सड़क मरम्मत और निर्माण के कार्य से जुड़े विभागों द्वारा जारी किए गए टेण्डरों का ऑडिट कराया जाए और उसकी जांच कराई जाए। पिछले दो साल में लोक निर्माण, आवास विकास, विकास प्राधिकरणों, नगर निगमों व नगर निकायों, आरईएस और मंडी परिषद द्वारा सड़कों की मरम्मत व निर्माण पर 3800 करोड़ रुपए खर्च किए गए। सीएम योगी इसलिए नाराज हुए क्योंकि जन प्रतिनिधियों द्वारा सड़कों के खस्ता हाल की शिकायतें सबसे ज्यादा की गई थीं।
उत्तर प्रदेश लोक निर्माण विभाग ने सड़क निर्माण पर खर्च में घोटाला सीएम की जानकारी में आया है कि मिरजापुर समेत तमाम जगहों पर बड़े स्तर पर सड़क निर्माण और गड्ढा मुक्त के काम में घोटोला हुआ है। बिना सड़क बनें और बिना गड्ढा मुक्त हुए ही भुगतान कर दिया गया। मीरजापुर नगर में सीवर बिछाने के नाम पर खोदी गई किसी भी सड़कों का लोक निर्माण विभाग द्वारा मरम्मत नहीं कराया गया। जबकि सीवर बिछाने वाले ठेकेदारों ने सड़क मरम्मत के लिए विभाग को लगभग दो करोड़ रुपया मुहैया करा दिया है। अधिकारियों ने खानापूर्ति के लिए खड़ंजा बिछवाकर काम चला लिया। पिछले कुछ महीनों से पूरे मीरजापुर में और वासलीगंज, नटवां, सुंदरघाट रोड, घुरूहूपटटी, महंत शिवाला रोड, विध्याचल रोड पर खुदाई की गई। पर वहां सड़क की मरम्मत नहीं की गई।
बोलने को तैयार नहीं हैं अधिकारी व मंत्री योगी के आदेश के बाद लोक निर्माण मंत्री केशव प्रसाद मौर्य से बात करने की कोशिश की गई तो पता चला कि वे चुनाव प्रचार में बाहर हैं। वहीं सम्बन्धित विभागों के अधिकारी यह कह कर बच रहे हैं कि सीएम के आदेश का पालन सुनिश्चित कराना उनाका उद्देश्य है। इस पर कोई टिप्पणी नहीं करेंगे।