script…तो क्या केशव ने योगी को मान लिया गुरु ? | Yogi adityanath and keshav prasad maurya political relation update | Patrika News

…तो क्या केशव ने योगी को मान लिया गुरु ?

locationलखनऊPublished: Sep 12, 2018 04:04:06 pm

Submitted by:

Hariom Dwivedi

एक ही मंच से योगी हिंदुत्व और केशव पिछड़ों को साधने में जुटे

Yogi adityanath

…तो क्या केशव ने योगी को मान लिया गुरु ?

महेंद्र प्रताप सिंह
इनडेप्थ स्टोरी
लखनऊ. राजनीति में न तो कोई स्थायी दुश्मन होता है न ही मित्र। जरूरत के मुताबिक दोस्ती और दुश्मनी की परिभाषाएं बदलती रहती हैं। जैसे-जैसे लोकसभा चुनाव नजदीक आएगा राजनैतिक दोस्ती और दुश्मनी के कई रंग देखने को मिलेंगे। उप्र की राजनीतिक समझ रखने वाले जानते हैं कि योगी सरकार में शामिल कई मंत्रियों और विधायकों में आपस में मनमुटाव है। कई कनिष्ठ मंत्रियों के अधीन कई वरिष्ठ मंत्री काम कर रहे हैं। यह राजनीतिक मजबूरी है कि वे घनिष्ठ राजनीतिक मित्र हैं। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के बारे में कहा जाता है कि इन दोनों वरिष्ठ नेताओं के बीच सहज रिश्ता नहीं है। बहुत मजबूरी में ही दोनों एक साथ मंच साझा करते हैं। लेकिन, मंगलवार (11 सितंबर) को शामली में एक कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य की जमकर तारीफ की। योगी ने हिंदुत्व तो मौर्या ने पिछड़ों को साधने के लिए एक ही मंच से भाषण दिया।
योगी ने की मौर्य की तारीफ
योगी के मुंह से डिप्टी सीएम की तारीफ राजनीतिक गलियारे में चर्चा का विषय बनी है। लंबे समय बाद दोनों नेताओं ने एक साथ मंच साझा गया। इसके पहले सीएम योगी आदित्यनाथ और डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य एक दूसरे के प्रति इतने सहज नहीं दिखे थे। इसी साल 20 जनवरी को वाराणसी में हुए युवा उद्घोष कार्यक्रम की बात हो या निऊर 23 जनवरी को योगी द्वारा बुलाई गयी मंत्रियों की बैठक। इन दोनों कार्यक्रमों में केशव प्रसाद मौजूद नहीं थे। यूपी दिवस कार्यक्रम से भी मौर्य गायब थे। यहां तक कि तमाम मंत्रियों के नाम यूपी दिवस के पोस्टरों में छपे लेकिन विज्ञापनों से मौर्य का नाम नहीं छपा। जब दोनों वरिष्ठों में रिश्ते सहज न होने की बात आम हुई तो समापन समारोह के विज्ञापन में मौर्य का नाम छपा। तब केशव प्रसाद ने सीएम योगी आदित्यनाथ से किसी तरह के मनमुटाव की बात से साफ इनकार किया था। 11 मार्च को एक टीवी कार्यक्रम में योगी से रिश्तों पर मौर्य ने कहा था कि उनके और सीएम योगी आदित्यनाथ के बीच किस तरह का मनमुटाव नहीं है। एक सीएम और डिप्टी सीएम के बीच जैसा संबंध होना चाहिए हमारे बीच वैसा ही है। केशव ने तब कहा था योगी को गुरू तो नहीं कहूंगा।
हिंदुत्व और पिछड़ा वर्ग मजबूरी
लगता है समय बदलने के साथ ही दोनों के रिश्तों पर जमी बर्फ अब पिघल चुकी है। इसीलिए एक दूसरे की तारीफ में कसीदे पढ़े जाने पर राजनीतिक मायने निकाले जा रहे हैं। लोकसभा चुनावों में दोनों नेताओं के बीच तनावपूर्ण रिश्तों से पार्टी को कोई नुकसान न हो इसलिए मजबूरी में ही सही दोनों को अपने रिश्ते सहज दिखाने पड़ रहे हैं। माना जाता है कि भाजपा में मौर्य पिछड़े वर्ग के लोकप्रिय नेता हैं। जबकि योगी हिंदुत्व के प्रतीक हैं। इसलिए पार्टी ब्राह्मण-क्षत्रिय-पिछड़ा गठजोड़ को भुनाने के लिए दोनों नेताओं के बीच सौहार्दपूर्ण रिश्ते होने की बात कर रही है।
‘मैन टू मैन मार्किंग’ की रणनीति पर काम
भाजपा 2019 के चुनाव को जीतने के लिए हर नेता को फोकस कर काम कर रही है। सीएम योगी आदित्यनाथ हिंदुत्व के एजेंडे को धार देने में लगे हुए हैं। वह मंदिरों और मठों का दर्शन कर रहे हैं। प्रत्येक नेता को उसकी जाति के मुताबिक जातीय सम्मेलनों में शिरकत करने को कहा गया है। इन सम्मेलनों की अगुवाई का जिम्मा केशव प्रसाद मौर्य को सौंपा गया है। बीजेपी के पिछड़ा वर्ग मोर्चा ने अब कश्यप, निषाद और बिंद आदि समाजों का सम्मेलन कर लिया है। इन सम्मेलनों में धर्म और जाति का घालमेल होता है। हर सम्मेलन में मौर्य यह कहना नहीं चूकते कि आप लोग उस समाज से जिसने भगवान राम की मदद करके राम राज्य की स्थापना की थी। अब यही समाज मोदी जी को दोबारा पीएम बनाने में महत्वपूर्ण निभाएगा। उधर योगी जी धर्म की बातें करते हैं।
क्या कहते हैं नेता
योगी जी खुद भी मठाधीश हैं, लिहाजा वह मंदिर और मठ जाते रहते हैं। इसलिए यह कहना गलत है कि वह धर्म की राजनीति कर रहे हैं। जहां तक पिछड़ों को साधने की बात है तो भाजपा और हिंदुत्व ‘सर्वे भवंतु सुखिना’ के रास्ते पर चलता है। भारतीय जनता पार्टी भी सबका साथ, सबका विकास के अपने नारे पर अमल कर रही है। भाजपा का मानना है कि समाज के हर वर्ग को राजनीतिक और सामाजिक तौर पर उसका हक मिलना चाहिए। इसी क्रम में पार्टी हर जाति के लोगों का सम्मेलन कर रही हैं।
-राकेश त्रिपाठी,भाजपा मीडिया संपर्क विभाग उप्र
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