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CM Yogi Ayodhya Visit : दीपावली की सियासत में शब्दों की आतिशबाजी

locationलखनऊPublished: Oct 02, 2017 03:03:47 pm

Submitted by:

Hariom Dwivedi

अयोध्या में राम का राज्याभिषेक करेंगे मुख्यमंत्री और राज्यपाल

Yogi Adityanath Ayodhya Visit
महेंद्र प्रताप सिंह
लखनऊ. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गोरखपुर में नवरात्र में कन्याओं का पूजन किया। दशहरा में शस्त्र पूजन। अब उनकी दिवाली राम नगरी अयोध्या में मनेगी। यहां वे राज्यपाल के साथ भगवान राम का राज्याभिषेक करेंगे और दीपावली मनाएंगे। यानी सीएम पूरी तरह से आध्यात्मिक मूड में आ गए हैं। लेकिन, उनके इस कदम से सूबे की राजनीति में सियासी उबाल आ गया है। अयोध्या में दिवाली पर योगी की मौजूदगी की घोषणा पर दिवाली के पहले ही शब्दों की आतिशबाजी शुरू हो गयी है। हर कोई इस कार्यक्रम के निहितार्थ निकाल रहा है। बाबरी मस्जिद मामले के पक्षकार और पैरोकार इसे सियासत बता रहे हैं तो अयोध्या के संत इस पहल को इतिहास में एक नई कड़ी के रूप में देख रहे हैं। जबकि, राजनीतिक दलों का कहना है कि भाजपा रामराज्य के नाम पर अपनी जीत को भुनाने का नाटक कर रही है।
बाबरी के पैरोकारों ने कहा, राजनीति से प्रेरित कदम
अयोध्या में बाबरी मस्जिद के पक्षकार रहे मरहूम हाशिम अंसारी के बेटे इकबाल अंसारी कहते हैं कि सीएम का कार्यक्रम राजनीति से प्रेरित है। अयोध्या में दीपावली सदियों से मन रही है। मंदिर सजते हैं। दीपक जलाए जाते हैं। लेकिन, इस बार सीएम राम नगरी में राम के नाम पर राजनीति करना चाहते हैं।
बाबरी मस्जिद मामले के ही एक अन्य पैरोकार हाजी महबूब भी कहते हैं हमेशा से भगवान राम के वनवास से अयोध्या लौटने पर घर-घर थालियां बजायी जाती हैं, रोशनी होती है। दिवाली मनती है। लेकिन, इस बार दिवाली के नाम पर अयोध्या को सुर्खियों में लाने के मतलब है, राम के नाम पर राजनीति। वे कहते हैं यह गलत कदम है। लेकिन, मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री न जाने क्या चाहते हैं?
संत बोले- त्रेता के बाद कलियुग में दोहराया जाएगा इतिहास
श्रीराम जन्मभूमि न्यास के अध्यक्ष महंत गोपालदास कहते हैं, जिस तरह त्रेता युग में भगवान राम के अयोध्या लौटने पर खुशियां मनाई गई थीं। उसी तरह अब कलियुग में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मौजूदगी में अयोध्या में भव्य दीपावली मनेगी। इससे अयोध्या में पर्यटन का विकास होगा। और राम की कथा जन-जन तक पहुंचेगी।

श्रीराम जन्मभूमि के मुख्य अर्चक आचार्य सत्येंद्र दास कहते हैं कि यह अंधकार से प्रकाश की ओर ले जाने की पहल है। इससे अयोध्या की गरिमा बढ़ेगी। सांस्कृतिक भाईचारे का संदेश पूरे देश में जाएगा। जबकि, लखनऊ के मनकामेश्वर मंदिर की महंत दिव्या गिरी कहती हैं, मुख्यमंत्री की पहल स्वागत योग्य है। वे प्रदेश के मुखिया हैं। जनता के बीच त्योहार मनाने से समाज में सकारात्मक सन्देश जाएगा।

क्या कहते हैं मुस्लिम धर्मगुरू
लखनऊ में टीले वाली मस्जिद के शाही इमाम मौलाना फजले मन्नान कहते हैं-योगी सूबे के मुखिया हैं। प्रदेश में कहीं भी जाना और अपना त्योहार मनाना उनका अधिकार हैं। वे अयोध्या में दीपावली मनाएं या गोरखपुर में। इससे क्या फर्क पड़ता है। उत्तर प्रदेश शिया सेन्ट्रल वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष सैयद वसीम रिजवी कहते हैं- सीएम का यह अच्छा कदम है। इससे समाज में सकारात्मक सन्देश जाएगा।
राजनीतिक दल बोले, सियासी चाल
कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता द्विजेन्द्र त्रिपाठी कहते हैं कि हिंदुत्व का एजेंडा बीजेपी का आधार है। वह धर्म से जुड़े मुद्दों पर ही राजनीति करती है। अयोध्या में हमेशा से दिवाली मनाई जाती रही है। लेकिन, सीएम योगी अब उसे सियासी रूप देना चाहते हैं। वे कहते हैं कि भगवान राम ने लंका जीत कर राम राज्य की स्थापना की थी। अब भाजपा योगी सरकार को रामराज्य के रूप में प्रचारित करने का प्रयास कर रही है। इसे जनता समझती है।
समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता और पूर्व मंत्री अनुराग भदौरिया कहते हैं कि मुख्यमंत्री अयोध्या में दिवाली मनाएं। इसमें किसी को कोई आपत्ति नहीं है। लेकिन, वे व्यक्ति धर्म के साथ देश-धर्म भी देखें। सीएम का यह कार्यक्रम सूबे में बेरोजगारी और अपराध की बढ़ती घटनाओं से ध्यान हटाने के लिए है।
आम आदमी पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता वैभव माहेश्वरी सवाल करते हैं कि क्या अयोध्या में सीएम के दिवाली मनाने से अयोध्यावासियों की दिक्कतें दूर हो जाएंगी। इससे कुछ नहीं होगा।
वहीं, भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता हरिश्चंद्र श्रीवास्तव कहते हैं अयोध्या भगवान राम की जन्मस्थली है। सीएम की मौजूदगी से समाज में सकारात्मक सन्देश जाएगा। बुराइयों के अंत का उत्सव अयोध्या में मनाया गया था, यह आयोजन भी उसी तरह का सन्देश देगा।
क्या होगा कार्यक्रम में
18 अक्टूबर को छोटी दीपावली पर प्रदेश सरकार की ओर से अयोध्या में भव्य कार्यक्रम होगा। इसमें राम का राज्याभिषेक प्रमुख है। इस कार्यक्रम में प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक भगवान राम का नंदीग्राम में स्वागत करेंगे। राम कथा पार्क में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भगवान राम का राजतिलक करेंगे। सरयू तट के किनारे रंगारंग कार्यक्रम आतिशबाजी की जाएगी। हर घर दीपक जलवाए जाने की योजना है।
सरकार का बयान, इतिहास दोहराएंगे योगी
योगी आदित्य नाथ ने अयोध्या में दीपावली मनाने का फैसला क्यों लिया है। इस सवाल के जवाब में सरकार के प्रवक्ता का कहना है कि भगवान राम सरयू नदी के तट से होकर अयोध्या लौटे थे। तब से छोटी दीपावली पर सरयू नदी किनारे दीप जलाए जाते हैं। त्रेता युग से जारी इस परंपरा को मुख्यमंत्री 18 अक्टूबर को फिर से दोहराएंगे। उनकी मौजूदगी में लाखों दीयों को रोशन कर राम का स्वागत होगा। सरयू नदी की आरती होगी। अयोध्या के सारे मंदिरों और प्राचीन इमारतों पर रोशनी की जाएगी। राम कथा से जुड़ी नृत्य नाटिकाएं और सांस्कृतिक कार्यक्रम होंगे। इस कार्यक्रम के जरिए प्रदेश में धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने का प्रयास किया जाएगा।

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