फिलहाल सरकार में 43 मंत्रियों की टोली, विस्तार में इन्हें मिलेगा मौका 10 मार्च 2017 को शपथग्रहण के दौरान योगी सरकार में 47 मंत्रियों को शपथ दिलाई गई थी। उसी वक्त उम्मीद थी कि योगी सरकार का जल्द ही विस्तार होगा, लेकिन यह इंतजार टलते-टलते लोकसभा चुनाव तक पहुंच गया। लोकसभा चुनावों के दरम्यान भारतीय सुहेलदेव समाज पार्टी के अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर के बागी तेवरों के कारण उन्हें मंत्रिमंडल से बर्खास्त कर दिया गया, जबकि रीता बहुगुणा जोशी, सत्यदेव पचौरी और एसपी सिंह बघेल के सांसद निर्वाचित होने के कारण तीन अन्य पद भी रिक्त हो गए हैं। ऐसे में योगी सरकार के मंत्रिमंडल का पुनर्गठन जल्द ही करना मजबूरी है। मंत्रिमंडल पुनर्गठन के लिए तय किया गया है कि दो साल में संतोषजनक परिणाम नहीं देने वाले मंत्रियों की विदाई होगी, जबकि कुछेक के प्रभार बदले जाएंगे। भाजपा और संघ के सूत्रों के मुताबिक, खराब प्रदर्शन करने वालों की विदाई के साथ-साथ बेहतर परिणाम देने वाले राज्यमंत्रियों को कैबिनेट अथवा राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार मिलना तय किया गया है।
संगठन का फेरबदल भी होगा, मंत्रियों को संभालना होगा पार्टी का काम प्रदेश पार्टी अध्यक्ष महेंद्रनाथ पाण्डेय के केंद्रीय मंत्री बनने के बाद यह स्पष्ट है कि जल्द ही प्रदेश पार्टी संगठन को नया मुखिया मिलेगा। पार्टी अध्यक्ष की दौड़ में पूर्व केंद्रीय मंत्री मनोज सिन्हा और रामशंकर कठेरिया के नाम सबसे आगे हैं। इसके अतिरिक्त योगी सरकार के कुछ अहम चेहरों को वर्ष 2022 के विधासभा चुनावों के मद्देनजर अभी से संगठन का काम सौंपा जाएगा। इस कड़ी में राज्य के डिप्टी सीएम केशवप्रसाद मौर्य और दिनेश शर्मा के नाम की चर्चा है। कयास है कि जल्द ही प्रदेश में डिप्टी सीएम का पद खत्म होगा अथवा एक ही डिप्टी सीएम रहेगा। कुछ विधायकों और विधान परिषद सदस्यों का संगठन में बेहतर कामकाज देखते हुए मंत्रिमंडल में शामिल करने पर विचार है। प्रदेश संगठन के कुछ चेहरों को निगम और बोर्डों में चेयरमैन बना दिया गया है, ऐसे में एक व्यक्ति-एक पद के सिद्धांत के कारण संगठन में नए चेहरों को जिम्मेदारी सौंपी जानी है।
योगी सरकार का नया चेहरा, छह की विदाई और आठ नए चेहरे मिशन 2019 की कामयाबी के बाद योगी सरकार की ओवरहालिंग ने सूबे की सियासत को बेचैन कर दिया है। राजनीतिक गलियारों की चर्चा पर भरोसा करें तो योगी सरकार से चार कैबिनेट और दो राज्यमंत्रियों की विदाई के साथ-साथ आठ नए चेहरों के शामिल होने की खबर है। सरकार से विदाई वाले मंत्रियों में एक कानपुर-बुंदेलखंड क्षेत्र से नाता रखते हैं, जबकि एक पश्चिम यूपी से हैं। एक मंत्री का कार्यक्षेत्र अवध है, जबकि चौथे कैबिनेट मंत्री ने बगावत का झंडा थाम रखा है, जोकि पूर्वांचल की राजनीति करते हैं। चौंकाने वाले नामों में दो राज्यमंत्री हैं। एक राज्यमंत्री महिला हैं, जबकि दूसरे प्रयाग क्षेत्र के पुराने नेता हैं। बुंदेलखंड के एक राज्यमंत्री को प्रमोशन मिलना तय किया गया है। इसी के साथ योगी सरकार में आठ नए चेहरे शामिल होंगे। पांच को कैबिनेट मंत्री बनाया जाएगा, जबकि तीन को राज्यमंत्री की जिम्मेदारी मिलेगी। सरकार के नए चेहरों के नाम तय कर लिये गए हैं।
लोकसभा चुनावों के नतीजों ने बदली सूरत मिशन 2019 की कामयाबी के लिए योगी सरकार ने चार मंत्रियों को चुनावी अखाड़े में उतारा था। कानपुर से सत्यदेव पचौरी, इलाहाबाद से रीता बहुगुणा जोशी और आगरा से एसपी सिंह बघेल बाजी मारने में सफल रहे, जबकि अंबेडकरनगर से मुकुट बिहारी वर्मा के हिस्से में हार आई। ऐसे में तीनों कैबिनेट मंत्री आज-कल में योगी सरकार से इस्तीफा देकर नई दिल्ली की राजनीति में जुट जाएंगे। इसके अलावा चुनाव के दौरान सीटों के बंटवारे को लेकर नाराज सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के मुखिया ओमप्रकाश राजभर को लोकसभा नतीजों के अगले ही दिन सरकार से बर्खास्त किया गया था। ऐसे में योगी सरकार में चार कैबिनेट मंत्रियों के पद रिक्त होने पर मंत्रिमंडल का विस्तार किया जाना तय है।