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मंत्रिमंडल में फेरबदल की ये है वजह दरअसल उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में 60 सदस्यीय मंत्रिपरिषद हो सकता है। जबकि योगी आदित्यनाथ सरकार (Yogi Adityanath Government) ने मार्च 2017 में जब शपथ ली थी तो मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) सहित 47 सदस्यीय मंत्रिपरिषद ने शपथ ली थी। वहीं इसमें तीन मंत्रियों सत्यदेव पचौरी (Satyadev Pachauri), डॉ. एस.पी. सिंह बघेल (Dr SP Singh Baghel) और डॉ. रीता बहुगुणा जोशी (Dr Rita Bahuguna Joshi) ने सांसद चुने जाने के चलते योगी मंत्रिमंडल (Yogi Mantrimandal) से इस्तीफा दिया। इसके अलावा सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (Suheldev Bhartiya Samaj Party) (सुभासपा) के अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर (Om Prakash Rajbhar) को मंत्रिमंडल से बर्खास्त किया जा चुका है।
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स्वतंत्र देव सिंह के सामने बड़ी चुनौती वहीं योगी मंत्रिमंडल (Yogi Cabinet) में शामिल स्वतंत्र देव सिंह (Swatantra Dev Singh) को भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष (BJP State President) की जिम्मेदारी मिल चुकी है। सिंह भी जल्द ही मंत्रिमंडल छोड़ देंगे। ऐसी स्थिति में मंत्रिपरिषद सिर्फ 42 सदस्यीय ही रह जाएगा। वहीं दूसरी तरफ अभी तक योगी मंत्रिपरिषद (Yogi Mantrimandal) में एक बार भी फेरबदल नहीं हुआ है। साथ ही चार मंत्रियों के हटने से मंत्रिपरिषद (Yogi Mantriparishad) में क्षेत्रीय और जातीय असंतुलन भी आ गया है। जिसे ठीक करना स्वतंत्र देव सिंह (Swatantra Dev Singh) के लिये बड़ी चुनौती साबित होगी।
यूपी कैबिनेट में आ सकते हैं नए चेहरे संघ (RSS) और भाजपा नेतृत्व (BJP) और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) मंत्रिपरिषद में कुछ नए चेहरों को शामिल करने के साथ कुछ मंत्रियों को तरक्की देना चाहते हैं। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) और भाजपा नेताओं के बीच इसको लेकर में कई दौर की बातचीत भी हो चुकी है। राष्ट्रीय अध्यक्ष और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह (BJP President and Central Home Minister Amit Shah), कार्यकारी अध्यक्ष जे.पी. नड्डा (JP Nadda) सहित अन्य लोगों ने भी इस सिलसिले में मंथन किया है। जिसके मुताबिक कुछ मंत्रियों के विभाग बदले जा सकते हैं और कुछ को और महत्वपूर्ण विभाग दिये जा सकते हैं। साथ ही एक या दो राज्य मंत्रियों का कद बढ़ाकर उन्हें कैबिनेट मंत्री (Cabinet Minister) बनाया जा सकत है।