प्रदेश में 1.62 करोड़ किसानों के लिए पहली किस्त और 1.42 करोड़ किसानों के लिए दूसरी किस्त मिल चुकी है लेकिन तीसरी किस्त के लिए केंद्र ने आधार सीडिंग अनिवार्य कर दी थी। यानी राजस्व रिकॉर्ड के आधार पर दिए गए ब्योरे का मिलान होने पर भुगतान होगा। नए नियम से यूपी में से 45 लाख किसानों को ही तीसरी किस्त का भुगतान हो सका। ज्यादातर किसानों के नाम और पते में अंतर मिला। पता चला कि राजस्व रिकॉर्ड में दर्ज नाम और बैंक खाते से लिंक आधार के बारे में काफी अंतर है। नतीजतन अधिकतर किसानों का भुगतान अटक गया है। पूरे देश में ही इस तरह की स्थिति सामने आने पर पिछले सप्ताह केंद्र सरकार ने आधार सीडिंग की अनिवार्यता खत्म करते हुए इस बाबत राज्यों को पत्र भेज दिया है। कृषि विभाग के मुताबिक अब तक केंद्र सरकार ने प्रदेश में 1.73 करोड़ किसानों का डाटा पोर्टल पर प्रक्रिया में ले लिया है। आधार से रिकॉर्ड के मिलान के अनिवार्यता से इनमें से 1.28 करोड़ किसानों का भुगतान फंस गया है। नया आदेश आ जाने से इन किसानों को भी दिवाली से पहले भुगतान हो जाएगा। इसके लिए जरूरी प्रक्रिया शुरू हो चुकी है।