script10 लाख किसानों से योगी सरकार करेगी बात, धान खरीदी हुई और खाते में पैसा पहुंचा कि नहीं, ऐसे ही पूछेगी एक एक बात | Yogi Adityanath Government CM helpline calls farmers for feedback | Patrika News

10 लाख किसानों से योगी सरकार करेगी बात, धान खरीदी हुई और खाते में पैसा पहुंचा कि नहीं, ऐसे ही पूछेगी एक एक बात

locationलखनऊPublished: Oct 06, 2020 07:40:53 am

– क्रय केंद्रों के बारे में सीधे किसानों से लिया जाएगा फीडबैक

10 लाख किसानों से योगी सरकार करेगी बात, धान खरीदी हुई और खाते में पैसा पहुंचा कि नहीं, पूछेगी एक एक बात

10 लाख किसानों से योगी सरकार करेगी बात, धान खरीदी हुई और खाते में पैसा पहुंचा कि नहीं, पूछेगी एक एक बात

लखनऊ. मुख्यमंत्री हेल्पलाइन प्रदेश के 10 लाख से ज्यादा किसानों से फोन करके पूछेगी कि उन्हें धान का भुगतान निर्धारित समय सीमा के भीतर हुआ कि नहीं। क्रय केंद्रों के बारे में उनसे एक बार भी उनसे फीडबैक लिया जाएगा। शिकायत मिलने पर तत्काल कार्रवाई की जाएगी। वही न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर खरीद भी सुनिश्चित होगी। हेल्पलाइन ने प्रश्नावली तैयार करके इस योजना पर काम भी शुरू कर दिया है। दरअसल मुख्यमंत्री हेल्पलाइन ने कोरोना संक्रमितों, प्रवासी मजदूरों और निगरानी समितियों के मामले में उल्लेखनीय काम किया है। एक ही रोगी को अलग-अलग दिनों में कम से कम 4 बार फोन करके उन्हें मिल रही सुविधाओं के बारे में फीडबैक लिया। इससे सीएम की टीम 11 को काम करने में और योजना बनाने में काफी आसानी हुई थी।

सीधे किसानों से लिया जाएगा फीडबैक

इसी को देखते हुए अब किसानों को बिना किसी बाधा के धान का उचित मूल्य दिलवाने संबंधी कार्य से भी मुख्यमंत्री हेल्पलाइन को जोड़ा जा रहा है। इसके लिए मुख्यमंत्री हेल्पलाइन को सीधे क्रय केंद्रों के ऑनलाइन डाटा से जोड़ा गया है। इस डाटा के आधार पर वे किसानों से धान बेचने के 3 दिन बाद फोन करके पूछेंगे कि उनके खातों में रकम पहुंची या नहीं। केंद्र पर मूल्य में कोई कटौती नहीं की गई। हैंडलिंग या अन्य कोई चार्ज तो नहीं लिया गया। क्रय केंद्र के समय पर खुलने संबंधी समस्या या वहां जाने पर और असुविधा के बारे में भी जानकारी ली जाएगी। क्रय केंद्रों पर कर्मचारियों के व्यवहार, पानी और सैनिटाइजर की व्यवस्था के बारे में भी जानकारी ली जाएगी।
क्रय केंद्रों पर जारी रहेगी खरीद

आपको बता दें कि पिछले साल सरकारी क्रय केंद्रों पर धान बेचने के लिए 9,36,332 किसानों ने पंजीकरण कराया था। इनमें से 7,08,485 किसानों ने धान क्रय केंद्रों पर आकर अपना धान बेचा। इस बार इनकी संख्या में 15 से 20% की वृद्धि अपेक्षित है। सरकार का प्रयास है कि क्रय केंद्रों के बाहर भी धान बेचने पर किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य मिले। जब तक किसानों के पास बेचने के लिए धन उपलब्ध रहेगा, तब तक क्रय केंद्रों पर खरीद व्यवस्था जारी रखी जाएगी।
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