गरीबों को तोहफा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में कैबिनेट की बैठक में इस योजना को मंजूरी दी गई है। इसे दो तरीके से प्रदेश में लागू किया जाएगा। दरअसल कोरोना काल में वापस लौटे प्रवासी मजदूरों को प्रदेश में काम करने के दौरान शहरी क्षेत्रों में सस्ते मकान किराए पर मिल सके इसके लिए पहले से बने अफोर्डेबल भवनों को किराए पर उठाया जाएगा। किराया तय करते समय मकान का क्षेत्र, उनकी गुणवत्ता आदि का ध्यान में रखा जाएगा। पहले मॉडल के अनुसार अफोर्डेबल हाउसिंग योजना के तहत अलग-अलग योजनाओं में बने गैर आवंटित मकानों को किराए पर दिया जाएगा। वहीं दूसरे मॉडल में बिल्डरों से सस्ते आवास बनवाकर किराए पर दिए जाएंगे। बताया जा रहा है कि अगर बिल्डर इसमें अपनी जमीन पर किफायती मकान बना कर देते हैं तो सरकार की तरफ से उनको जमीन में जीएसटी समेत कई दूसरे करो में छूट प्रदान की जाएगी।
इनको मिलेगा लाभ योगी सरकार की इस योजना का लाभ शहरी प्रवासी, गरीब मजदूर, आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग, निन्म आय वर्ग के व्यक्ति, फैक्ट्री में काम करने वाले मजदूर, प्रवासी मजदूर, शिक्षण संस्थाओं और सत्कार कार्यों से जुड़े लोग, पर्यटक और छात्रों को मिलेगा। इसके साथ ही अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग, विधवाओं और कामकाजी महिलाओं, दिव्यांग, अल्पसंख्यकों को इसमें वरीयता दी जाएगी। वहीं किराए क्षेत्र यानी लोकेशन के आधार पर तय किया जाएगा। किराया अनुबंध करते हुए मकान उपलब्ध कराया जाएगा। निर्धारित किराए में प्रत्येक दो साल में अधिकतम आठ प्रतिशत किराए में वृद्धि की जाएगी। पांच सालों में बीस फीसदी से अधिक वृद्धि नहीं होगी।