गोरखपुर अपहरण और हत्याकांड में तीन पुलिसकर्मी सस्पेंड गोरखपुर में छात्र के अपहरण और हत्या के मामले में सीएम योगी आदित्यनाथ की सख्ती के बाद गोरखपुर के एसएसपी ने उप निरीक्षक दिग्विजय सिंह, सिपाही प्रदीप सिंह, सुरेन्द्र तिवारी की निलंबित कर दिया है। इस मामले पुलिस ने पांच आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। साथ ही आरोपियों पर एनएसए लगाने की तैयारी कर ली गई है। आपको बता दें कि 14 साल के बलराम गुप्ता के पिता परचून की दुकान चलाते हैं। अपहरणकर्ताओं की 1 करोड़ की फिरौती की डिमांड पूरी करना उनके बूते की बात नहीं थी। उन्होंने थाने में शिकायत दर्ज कराई। पुलिस भी बच्चे की तलाश में जुट गई, लेकिन लड़के को बचा नहीं सकी।
कानपुर में अभी भी संजीत की लाश तलाश रही पुलिस कानपुर के संजीत अपहरण-हत्याकांड का पर्दाफाश करने के बाद अभी तक पुलिस उसका शव बरामद नहीं कर सकी है। अब फतेहपुर और प्रयागराज के आखिरी छोर तक के थानों में संजीत का फोटो और ब्योरा भेजा गया है। जनता नगर चौकी प्रभारी प्रमोद कुमार यादव ने नए एसएसपी से कार्यालय चलकर मिलने का संदेश दिया तो पीड़ित पिता ने कहा कि वह खुद घर पर आकर मिलें। इस पर सोमवार रात बर्रा पांच स्थित दिवंगत संजीत यादव के स्वजनों से मिलने के लिए एसएसपी डॉ. प्रितिंदर सिंह पहुंचे। उन्होंने परिजनों को निलंबित पुलिस कर्मियों की भूमिका की जांच के बाद कार्रवाई का आश्वासन दिया। एसएसपी ने आश्वासन दिया कि पूरे घटनाक्रम की निष्पक्ष जांच की जाएगी।
विपक्षी दलों ने घेरा कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने उत्तर प्रदेश में अपराध की कुछ हालिया घटनाओं के मद्देनजर मंगलवार को प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर कहा कि वह कानून-व्यवस्था ठीक करें क्योंकि जनता परेशान है। प्रियंका ने प्रदेश में कानून-व्यस्था की स्थिति लगातार बिगड़ने का दावा करते हुए यह भी कहा कि आपराधिक घटनाओं में सख्ती से कार्रवाई सुनिश्चित करने की जरूरत है। तो वहीं बसपा सुप्रीमो मायावती ने सूबे की योगी सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि आज प्रदेश में बदमाशों और अपराधियों का राज है। कोई भी सुरक्षित नहीं है। यहां तक कि मुख्यमंत्री के अपने शहर गोरखपुर में कानून व्यवस्था ध्वस्त हो गई है। मायावती ने कहा कि वे चार बार यूपी की मुख्यमंत्री रही हैं। प्रदेश की मौजूदा सरकार को उनके शासन काल से सीख लेनी चाहिए।