मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ उत्तर प्रदेश कारपोरेट सोशल रेस्पॉन्सबिलिटी कॉन्क्लेव का उद्घाटन किया, साथ ही सीएसआर पोर्टल भी लॉन्च किया। कार्पोरेट सोशल रिसपांसबिलिटी कॉन्क्लेव 2018 में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जैसे ही उद्यमियों से सामाजिक कार्य में सहयोग करने के लिए आह्वान किया वैसे ही उद्यमियों ने उनसे मदद का पूरा वादा किया। उद्योगपति ललित खेतान ने 51 लाख रुपए का चेक दिया और सीआईआई ने स्वच्छता अभियान और संस्कृति विद्यालयों को नया जीवन देने में पूरा सहयोग करने की घोषणा की।
ललित खेतान ने कहा कि वह स्वच्छता अभियान, एकेटीयू, कुंभ मेला और नदी सफाई में सहयोग दिए जाने का वादा किया, वहीं सीआईआई के राष्ट्रीय महासचिव मनमोहन अग्रवाल ने स्वच्छता और संस्कृत विद्यालयों को दुरुस्त कराने की हामी भरी।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि उद्यमियों को चाहिए वे योग्य योजक के रूप में आगे आएं। इसके लिए उन्हें अपने आपको स्थापित करना होगा कि वे सफल व योग्य योजक हैं। उन्होंने कहा कि अगर कोई संस्था नकारात्मक गतिविधियों को रोकना चाहती है तो उन कार्यों में सरकार की मदद करे, जिससे सकारात्मकता बढ़े। कहा कि अगर कोई संस्था पार्क बनवाती है तो वह स्थान लोगों के घूमने और टहलने के काम में आएगा। पौधों से शुद्ध वायु उन्हें स्वच्छ वायु देगी। लोगों की नकारात्मक ऊर्जा खत्म होगी। वे जिम बनवा दें। लोग वहां व्यायाम करेंगे। स्वस्थ्य होंगे तो भी उनकी नकरात्मकता खत्म होगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि 75 जिले हैं, जहां कौशल विकास का काम होता है। 350 तहसीलें हैं वहां भी यह काम हो रहा है, पर 830 ब्लाक हैं वहां पर कौशल विकास के लिए उद्यमियों को आगे आना होगा, ताकि लोगों को निपुणता के साथ रोजगार भी मिले। मुख्यमंत्री ने गोरखपुर में एक सिलाई केन्द्र की निपुणता का उदाहरण भी दिया। भारतीय संस्कृति को बचा रहे संस्कृत विद्यालयों के उत्थान का आह्वान सीएम ने किया। उन्होंने कहा कि समाज स्वस्थ्य और समृद्धि तब होगा जब स्वच्छ होगा। इस अभियान में उद्यमियों को आगे आना होगा। उन्होंने ललित खेतान का धन्यवाद दिया।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा लॉन्च सीएसआर पोर्टल पर कंपनियों के सीएसआर योगदान और उनकी गतिविधियों की विस्तृत जानकारी उपलब्ध रहेगी। उत्तर प्रदेश सरकार ने सीएसआर फंड का अधिकतम उपयोग खुले में शौचमुक्त मिशन के लिए शौचालय बनाने, संस्कृत विद्यालयों के जीर्णोद्धार व धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने वाली गतिविधियों में करना है। उन्होंने कहा कि जनसंख्या और उपभोक्ता बाजार के हिसाब से उत्तर प्रदेश देश का सबसे बड़ा प्रदेश है। लेकिन, सीएसआर पर खर्च करने वाली कंपनियों में से महज छह फीसदी ही यहां अपने फंड का कुछ हिस्सा खर्च करती हैं। प्रदेश में यह हिस्सेदारी राष्ट्रीय स्तर पर कुल खर्च का तीन प्रतिशत बताई जा रही है।