पीडब्लयूडी विभाग ने जिन 11 जिलों के लिए बजट जारी किया है, उनमें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का गृह जनपद गोरखपुर और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव का संसदीय क्षेत्र आजमगढ़ भी शामिल है। आजमगढ़ की नौ विधानसभा सीटों के 43 ग्रामीण क्षेत्रों को चिन्हित किया गया है, वहीं गोरखपुर के 15 मजरों को चिन्हित किया गया है, जहां सड़क का निर्माण किया जाएगा। इसके अलावा बलिया, देवरिया, कुशीनगर, महाराजगंज, फर्रुखाबाद, कानपुर देहात, एटा, चित्रकूट और बांदा जिले शामिल हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में विकास का पहिया घुमाने के लिए विधानसभावार उन ग्रामीण क्षेत्रों की जानकारी मांगी गई थी, जहां अब तक सड़कें नहीं बन सकी हैं।
गांवों में सड़क बनाने का काम सक्षम अधिकारी के तकनीकी आश्वासन के बाद ही शुरू किया जाएगा। सड़कों की गुणवत्ता श्रेष्ठ हो और यह तय समय पर बनकर तैयार हों, इसके लिए पीडब्ल्यूडी ने इंजीनियर-इन-चीफ की जवाबदेही तय की है। पीडब्लूयडी द्वारा जारी पत्र के अनुसार, सड़क बनाने में धन का उपयोग आवश्यकता के अनुसार किया जाएगा। इसे बैंक या डाकघर में नहीं रखा जाना चाहिए। इसके अलावा राज्य सरकार द्वारा समय-समय पर धनराशि के खर्च का सत्यापन भी किया जाएगा।
विकास से ‘विजय’ की रणनीतिमुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अपने विकास के एजेंडे के सहारे दूर-दराज के ग्रामीण अंचलों में जनता के बीच सरकार की विकासवादी छवि पेश करने की कोशिश में जुटे हैं। ताकि, पंचायत चुनाव और फिर विधानसभा चुनाव 2022 में सड़कों के सहारे ‘विजय’ का मार्ग प्रशस्त हो सके। ग्रामीण इलाकों में समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी का मजबूत वोटबैंक माना जाता है। राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि इस रणनीति के जरिये बीजेपी की कोशिश सपा-बसपा के वोटबैंक में सेंध लगाने की भी है।