बता दें कि शनिवार देर शाम अमित शाह के साथ दोनों नेताओं की बैठक हुई। सूत्रों का कहना है कि इस बैठक में मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर नामों पर चर्चा हुई है। सीएम योगी आदित्यनाथ को विस्तार के लिए दिन तय करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ उपचुनाव को लेकर भाजपा मुख्यालय पर बुलाई गई बैठक के बाद देर शाम राज्यपाल से मिलने पहुंचे। दोनों लोगों के बीच काफी देर तक बातचीत हुई, वहीं राजभवन के सूत्रों का कहना है कि मुख्यमंत्री की ओर से अभी कोई इशारा नहीं किया गया है।
सूत्रों के मुताबिक अभी ऐसा कुछ नहीं कहा गया है। अलबत्ता मंत्रिमंडल विस्तार की अटकलों के चलते विधायकों ने दौड़भाग तेज कर दी है। हर विधायक संघ से लेकर भाजपा तक में अपने संपर्क सूत्रों के जरिये मंत्रिमंडल में जगह पाने की कोशिश में जुट गया है।
इन हट सकता है पद बीजेपी के सूत्रों का कहना है कि मौजूदा मंत्रिमंडल में ७ से ८ मंत्री हटाए जा सकते हैं। जिन मंत्रियों की परफॉर्मेंस सबसे ज्यादा खराब है, उनका हटना तय है। ये नाम बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष को भी बता दिए गए हैं। इन मंत्रियों के नाम परफॉर्मेंस के आधार पर तय किए गए हैं। सूत्रों का कहना है कि मंत्रिमंडल विस्तार कब तक होगा अभी इस बारे में उनके पास पुख्ता जानकारी नहीं है। बावजूद इसके यह तय है कि आने वाले दिनों में मंत्रिमंडल फेरबदल जरूरी हो गया है।
नई चहरों को मिल सकती है जगह वहीं सूत्रों के मुताबिक मंत्रिमंडल विस्तार में 8-12 नए चेहरों को जगह मिल सकती है। 19 मार्च, 2017 को जब मंत्रियों ने शपथ ली थी, उस वक्त सीएम योगी आदित्यनाथ के अलावा 24 कैबिनेट मंत्री, 9 स्वतंत्र प्रभार और 13 राज्यमंत्री भी शामिल थे। कुल 46 मंत्रियों ने शपथ ली थी, जबकि मंत्रियों की संख्या 60 तक हो सकती है। इनमें तीन मंत्री रीता बहुगुणा जोशी, एसपी सिंह बघेल और सत्यदेव पचौरी ने लोकसभा चुनाव जीतने के बाद इस्तीफा दे दिया था।