यूपीकोका का प्रस्ताव आज विधानपरिषद में गिर गया। दरअसर विपक्ष के भारी हंगामे और संख्या में सत्ता पक्ष के मुकाबले संख्या ज्यादा होने की वजह से बिल पारित नहीं हो पाया। अब बताया जा रहा है कि यूपीकोका बिल को फिर से विधानसभा में पास होने के लिए भेजा जाएगा।
क्या है यूपीकोका- यूपीकोका कानून अपराधियों के खिलाफ एक बड़ा कानून है। इसमें जिन अपराधियों को गिरफ्तार किया जाएगा उनके खिलाफ 180 दिन के भीतर चार्जशीट दाखिल करनी होगी। मौजूदा कानून के अनुसार जो अपराधी गिरफ्तार किए जाते हैं उनके खिलाफ 60 से 90 दिन के भीतर चार्जशीट दाखिल करनी होती है। ऐसे में यूपीकोका कानून के तहत गिरफ्तार किए गए अपराधी के लिए कई मुश्किले बढ़ जाएगी। साथ ही अपराधी को 6 माह से पहले जमानत भी नहीं मिल सकती है।
30 दिन तक अपराधी रहेंगे रिमांड में- इसी के साथ ही इस कानून के तहत पुलिस अपराधियों को 30 दिन तक रिमांड में ले सकती है। वहीं वर्तमान कानून की अगर बात करें तो पुलिस अपराधी को सिर्फ 15 दिनों तक के लिए ही रिमांड में ले सकती है।
अपराधी को मिलेगी फांसी की सजा- कानून के तहत अपराधी को कम से कम पांच साल की सजा मिलेगी, जबकि अधिकतम सजा का प्रावधान फांसी की सजा होगी। कानून के काफी सख्त होने के चलते इसका दुरुपयोग न हो, इसके लिए इस कानून में प्रावधान किए गए हैं। इस कानून के तहत मामलों की निगरानी खुद प्रदेश के गृह सचिव करेंगे, साथ ही मंडल स्तर के आईजी रैंक के अधिकारी की संस्तुति के बाद ही आरोपी पर इस कानून के तहत मामला दर्ज किया जाएगा।