नीति आयोग ने दिए थे सुझाव हाल ही में नीति आयोग की टीम लखनऊ आई थी। इस दौरान इस टीम ने यूपी सरकार को कुछ सुझाव भी दिए थे। इसके तहत यूपी की ब्यूरोक्रेसी को स्मार्ट और जवाबदेह बनाने के लिए एक-दूसरे से जुड़े विभागों का विलय किया जाना है। फेरबदल का ये भी एक बड़ा कारण हो सकता है। इस बीच यूपी विधानसभा का सत्र भी शुरू होने जा रहा है। ये 14 दिसंबर से 22 दिसंबर तक चलेगा। इसके बाद सरकारी घोषणाओं के केंद्र में लोकसभा चुनाव ही रहेंगे। लोकसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए मंत्रियों को दायित्व सौंपे जाएंगे। इसमें सामाजिक और भौगोलिक संतुलन का भी ध्यान रखा जाएगा।
9 महीने के परफॉर्मेंस की समीक्षा योगी सरकार के 9 महीने के कार्यकाल पूरा हो गया है। ऐसे में सीएम ने कई मंत्रियों के कामकाजों को भी परख लिया है। इसमें कई मंत्री फिसड्डी साबित हुए हैं, जिनकी छुट्टी तय मानी जा रही है। विलय के साथ ही कई महकमों के मंत्रियों का जिम्मा भी बदलेगा, जिसकी वजह से भी फेरबदल की गुंजाइश है। इस फेरबदल में काम की कसौटी पर खरा न उतरने वाले मंत्रियों की छुट्टी भी हो सकती है।
इन चेहरों को मिल सकती है योगी की कैबिनेट में कई नए चेहरों को जगह मिल सकती है। कई नेता ऐसे थे जिन्हें यूपी में विधानसभा चुनाव का ईनाम मिलना बाकी रह गया था। पंकज सिंह, राधे मोहन दास अग्रवाल, राम नरेश रावत समेत कई नाम चर्चा में हैं, इन्हें योगी कैबिनेट में जगह मिल सकती है।