मुख्यमंत्री के यहां हुई बैठक में प्रदेश भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष महेन्द्र नाथ पांडेय भी मौजूद थे। इस बैठक में नगर निगम और नगर पालिका परिषद व नगर पंचायत चुनाव जीतने की रणनीति पर विचार किया गया। बैठक में तय किया गया कि पार्टी अपने विधायकों की संख्या को देखते हुए विधायकों और मंत्रियों की ड्यूटी नगर निगम चुनाव में लगाएगी। अभी मंत्रियों को उनके क्षेत्र का बटवारा नहीं किया गया है। लेकिन ऐसी उम्मीद की जा रही है कि जल्द ही मंत्रियों को नगर निगमों में भाजपा का दबदबा बनाए रखने के लिए जिम्मेदारी उनके कद और नगर निगम की महत्ता के हिसाब से दी जाएगी।
उत्तर प्रदेश में करीब 16 नगर निगम हैं और 619 नगर पालिका परिषदें व नगर पंचायतें हैं। ज्यादातर निगमों में भाजपा के मेयर थे। अब केन्द्र में भाजपा सरकार और यूपी में भाजपा सरकार होने के बाद इस बात की उम्मीद जताई जा रही है कि केन्द्र व राज्य की सत्ता के बाद नगर निगम चुनाव में भाजपा की जीत होनी चाहिए। लखनऊ नगर निगम के दो बार से मेयर जीत रहे दिनेश शर्मा इस बार उप मुख्यमंत्री हैं। वे इसके पहले कभी भी विधानसभा या विधानपरिषद के चुनाव नहीं लड़े थे।
प्रदेश भाजपा अध्यक्ष महेन्द्र नाथ पांडेय ने कहा कि भाजपा नगर निगमों में तब चुनाव जीतती रही है जब केन्द्र और राज्य में भाजपा सरकारें नहीं थीं। आज दोनों जगह हैं। ऐसे में हमारी और जिम्मेदारी बन जाती है कि निकाय चुनाव में भाजपा भारी बहुमत से चुनाव जीते। योगी आदित्यनाथ ने आश्वस्त किया कि निकाय चुनाव में मंत्रियों और विधायकों को भी चुनाव की जिम्मेदारी सौंपी जाएगी। इसकी रूपरेखा तैयार कर ली गई है।