बलात्कार के आंकड़े 2614 से कम होकर 2444 हो गए हैं
आंकड़ों के मुताबिक पिछले साल की तुलना में इस साल जनवरी से जुलाई के बीच बलात्कार के आंकड़े 2614 से कम होकर 2444 हो गए हैं। वहीं साल 2016 में समाजवादी पार्टी की सरकार के समय पहले सात महीनों में यह आंकड़ा 2041 था। अगर हम हत्या के आंकड़ों की बात करें तो साल 2016 के पहले सात महीनों में यह आंकड़ा 2766 था, 2017 में 2462 और इस साल 2018 में 2505 है। उत्तर प्रदेश में 19 मार्च 2017 को भाजपा की योगी आदित्यनाथ सरकार ने शपथ ली थी। उसके बाद से लगातार सरकार का यह प्रयास रहा है कि अपराधों पर लगाम लगाई जाए। यह आंकड़े योगी सरकार के अपराध कम करने के दावे को पुख्ता करते दिख रहे हैं।
63 खतरनाक अपराधियों को मार गिराया गया है उत्तर प्रदेश के भाजपा प्रवक्ता चंद्र मोहन कहते हैं कि राज्य में अपराधियों के खिलाफ एक प्रभावी अभियान शुरू किया गया है। 63 खतरनाक अपराधियों को मार गिराया गया है वहीं मुठभेड़ में 650 घायल हो गए। 3430 अपराधियों को गिरफ्तार कर जेल भेजा दिया गया। उन्होंने बताया कि 2018 में 9866 अपराधियों ने अपनी जमानत रद्द करवा ली है और अदालत के सामने आत्मसमपर्ण कर दिया। उन्हें जेल भेज दिया गया। गैंगस्टर एक्ट के तहत 14746 अपराधियों को दर्ज किया गया। योगी गवर्नमेंट आने के बाद अब अपराधियों को राजनीतिक संरक्षण नहीं है। प्रदेश में निवेश के लिए एक अच्छा वातावरण बनाया है।
इससे पहले मार्च में, योगी सरकार ने विधानसभा में एक लिखित उत्तर में स्वीकार किया था कि उत्तर प्रदेश में अपराध बढ़े हैं। समाजवादी पार्टी की सरकार के 2016~17 के कार्यकाल की तुलना में एक अप्रैल 2017 से लेकर 31 जनवरी 2018 के बीच बलात्कार के मामलों में 25 प्रतिशत की वृद्धि, शीलभंग की घटनाओं में 40 प्रतिशत की वृद्धि, महिलाओं के अपहरण के मामले में 35 प्रतिशत की वृद्धि और छेडख़ानी के मामलों में 50 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी। हालांकि यूपी की योगी सरकार इस साल आपराधिक आंकड़ों में बदलाव का दावा कर रही है। जबकि इस साल जुलाई में 2018 तक दर्ज किए गए कुल आपराधिक मामले 1.96 लाख तक पहुंच चुके हैं, जो कि 2016 के पहले सात महीनों में 1.55 लाख और 2017 के पहले सात महीनों में 1.78 लाख थे।