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चुनाव से पहले जनता को सबसे बड़ी सौगात, महज 500 रुपए के स्टाम्प शुल्क पर होगी मकानों की रजिस्ट्री

locationलखनऊPublished: Sep 23, 2021 12:45:13 pm

Submitted by:

lokesh verma

विकास प्राधिकरण और आवास विकास परिषद के मकानों के साथ ही निजी बिल्डर्स के ईडब्ल्यूएस मकानों की रजिस्ट्री महज 500 रुपये के स्टाम्प शुल्क (Home Registry In Just 500 rs) पर करने की तैयारी।

लखनऊ. उत्तर प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव (UP Assembly elections 2022) से पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) सरकार ने जनता के लिए अपना खजाना खोल दिया है। यूपी सरकार जहां गरीबों को सस्ते मकान उपलब्ध करा रही है। वहीं, अब सरकार लोगों को घर खरीदने पर रजिस्ट्री के दौरान मोटी स्टाम्प फीस से बचाते हुए महज 500 रुपये के स्टाम्प पर रजिस्ट्री (Home Registry In Just 500 rs) की सुविधा देगी। सबसे बड़ी बात ये है कि इस योजना का लाभ नए-पुराने खाली पड़े मकानों के आवंटन पर मिल सकेगा। बताया जा रहा है कि आवास विभाग के इस प्रस्ताव पर उच्चाधिकारियों ने भी अपनी सहमति दे दी है। कयास लगाए जा रहे हैं कि सब कुछ योजनाबद्ध हुआ तो यूपी चुनाव से पहले प्रदेश सरकार की ओर से जनता के लिए यह बड़ा तोहफा होगा।
दरअसल, योगी सरकार की मंशा है कि विकास प्राधिकरण और आवास विकास परिषद के मकानों के साथ ही निजी बिल्डर्स के ईडब्ल्यूएस मकानों की रजिस्ट्री महज 500 रुपये के स्टाम्प शुल्क पर हो, ताकि जरूरतमंद लोग भी आसानी से अपने सपनों का आशियाना खरीद सकें। बताया जा रहा है कि पिछले दिनों आवास विभाग ने उत्तर प्रदेश के सभी विकास प्राधिकरणों से इस तरह के घरों की सूची मांगी थी, जिसके बाद अब तक लगभग सात हजार घर चिह्नित किए जा चुके हैं। हालांकि अभी तक बरेली के साथ ही लखनऊ, वाराणसी, सोनभद्र, कुशीनगर, कपिलवस्तु और बस्ती में बनाए गए ईडब्ल्यूएस मकानों का आंकड़ा अभी नहीं मिल सका है। आवास विभाग का मानना है कि रजिस्ट्री में सुविधा से जरूरतमंदों को बड़ी राहत मिलेगी।
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15 करोड़ रुपये के नुकसान का अनुमान

आवास विभाग के अधिकारियों का कहना है कि सरकारी योजनाओं का फायदा उठाते हुए बिल्डर मकानों की कीमत के साथ आवंटन सरकारी मानकों पर करते हैं, लेकिन रजिस्ट्री कराने पर पांच से सात फीसदी का स्टाम्प शुल्क लगता है। इस कारण जरूरतमंद मकान खरीदने में हिचकते हैं। इसी वजह से आवास विभाग ने ईडब्ल्यूएस मकानों की रजिस्ट्री के लिए 500 रुपये स्टाम्प शुल्क का प्रस्ताव रखा है। जैसे ही प्रस्ताव पर कैबिनेट की मुहर लगेगी तो सभी लोग इसका लाभ उठा सकेंगे। हालांकि स्टाम्प शुल्क सीमित होने के कारण विभाग को करीब 15 करोड़ रुपये के नुकसान का अनुमान है।

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