गौरतलब है कि हाल ही में सुप्रीम कोर्ट की सख्ती के वित्त विभाग ने होमगार्डों को 600 रुपये मानदेय और 72 रुपये डीए देने की मंजूरी दी है। सरकार होमगार्डों को 6 दिसंबर 2016 से 31 अगस्त 2019 तक के एरियर का भुगतान भी करेगी। प्रस्ताव को मंजूरी के बाद प्रमुख सचिव होमगार्ड को भेज दिया गया। वर्तमान में होमगार्डों को 500 रुपये प्रतिदिन के हिसाब से भत्ता दिया जा रहा है।
अब 25 नहीं, 15 दिन का मिलेगा काम
सिपाही के बराबर होमगार्ड का वेतन देने का फैसला होमगार्डों के लिए मायूसी का सबब बनने जा रहा है। बढ़े हुए वेतन के चक्कर में पुलिस महकमे ने तय किया है कि वह होमगार्ड से काम नहीं लेगा। यानी एक साल पहले गृह विभाग ने सिपाहियों के रिक्त पदों के स्थान पर जो 25 हजार होमगार्ड लगाए थे, उनकी सेवाएं समाप्त करने का आदेश दिया है। यह निर्णय उच्चतम न्यायालय के आदेश से गड़बड़ाए बजट को बैलेंस करने के लिए लिया गया है। प्रदेश में होमगार्ड के पद 1 लाख 18 हजार हैं। इसमें से 19 हजार पद रिक्त हैं। पिछले महीने 92 हजार होमगार्ड की ड्यूटी लगाई जा रही थी जबकि उपलब्ध होमगार्ड की संख्या 99 हजार थी।
इन होमगार्डों की ड्यूटी पर भी संकट
प्रदेश में लगभग 9000 होमगार्ड सार्वजनिक प्रतिष्ठानों पर ड्यूटी कर रहे हें। यहां पहले प्राइवेट गार्ड ड्यूटी करते थे। अब इन स्थानों पर फिर से प्राइवेट गार्ड या फिर पीआरडी जवान को ड्यूटी देने पर विचार किया जा रहा है। यहां एक दिन की ड्यूटी के बदले 375 रुपये से 500 रुपये के बीच मिलता है। ऐसे में आने वाले दिन होमगार्डों के लिए और संकट भरे हो सकते हैं।
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