कैबिनेट के प्रस्तावित एजेंडे में इससे संबंधित प्रस्ताव शामिल कर लिया गया है। हालांकि किन-किन विकास खंड को समाप्त किया जा रहा है, इसका खुलासा अभी नहीं किया गया है। योगी सरकार ने भी तीन नए विकास खंड बनाए हैं। इनमें गोरखपुर में भरोहिया तथा प्रयागराज में सहसों व श्रृंगवेरपुर शामिल हैं। इस तरह वर्तमान में प्रदेश में 854 विकास खंड हैं। 28 को निरस्त करने पर सहमति बनी तो 826 विकास खंड रह जाएंगे। इसके अलावा पिछले दिनों मुख्यमंत्री ने आउटसोर्सिंग से जुड़ी नियुक्ति प्रक्रिया में धांधली व भ्रष्टाचार खत्म करने के लिए प्रस्तावित आउटसोर्सिंग नीति के मसौदे पर सहमति दी थी। कैबिनेट की बैठक में इसे भी मंजूरी मिल सकती है। कैबिनेट बैठक शाम को है इसलिए इसमें गन्ना विकास एवं चीनी उद्योग सहित कई अन्य विभागों के प्रस्ताव जुड़ भी सकते हैं।
इन 30 विकास खंड का सपा सरकार में एक साथ हुआ था सृजन
बहराइच कारीकोट, श्रावस्ती लक्ष्मणपुर बाजार, बाराबंकी महादेवा व सुबेहा,रायबरेली खजूरगांव,अंबेडकरनगर बेवाना,बदायूं नाधा, दबतेरी व बिनावर,बस्ती में शुभम नगर चंगरेवा बाबू,सोनभद्र कोन व करमा,अलीगढ़ गभाना,उन्नाव माखी,रामपुर टांडा व पटवाई, कुशीनगर कुबेरनाथ,इलाहाबाद बरांव,बुलंदशहर ककोड़,कन्नौज ठठिया,पीलीभीत माधौटांडा,प्रतापगढ़ मंगापर उदयपुर व डेरवा,महोबा श्रीनगर,अमरोहा नौगावा सादात व उझारी,गाजीपुर नौली व देवढ़ी,बलिया भीमपुरा नंबर-1,बिजनौर बढ़ापुर