Yogi Government New Guideline: योगी सरकार सोशल मीडिया पर बयानबाजी को लेकर अलर्ट है। गुरुवार को सरकार की ओर से जारी नई गाइडलाइन में साफ किया गया है कि अगर कोई अधिकारी और कर्मचारी बिना अनुमति के मीडिया से संबंधित बयान देता है तो उस पर सख्त कार्रवाई होगी। आदेश में कहा गया है कि नियमावली में स्पष्ट प्रावधान के बावजूद कुछ सरकारी अधिकारी और कर्मचारी मीडिया को बयान दे रहे हैं।
योगी सरकार की नई गाइडलाइन में स्पष्ट कहा गया है कि सरकारी अफसर और कर्मचारी अब सरकार की अनुमति के बिना सोशल मीडिया पर कुछ भी नहीं लिख सकेंगे। इसके साथ ही सरकारी कर्मचारी बिना सरकार की अनुमति के प्रिंट और डिजिटल मीडिया पर बयान नहीं दे सकेंगे। हालांकि, कलात्मक, साहित्यिक और वैज्ञानिक लेख लिखने पर कोई प्रतिबंध नहीं है।
योगी सरकार के मुख्य सचिव देवेश चतुर्वेदी की ओर से आदेश जारी किया गया है। इसमें बताया गया है कि सोशल मीडिया पर भी बिना अनुमति के बयानबाजी या नीतियों को लेकर सवाल उठाना सरकारी कर्मचारियों पर भारी पड़ सकता है। इसके अलावा कार्मिक विभाग ने शासन के आला अफसरों को 'सरकारी सेवकों के संचार माध्यमों के उपयोग' के नियम याद दिलाए हैं।
इसमें यह भी कहा गया है कि स्पष्ट नियम के बावजूद भी बयानबाजी से असहज स्थिति पैदा हो रही है। इसे रोका जाएगा और नियम तोड़ने वालों पर कार्रवाई की जाए। अपर मुख्य सचिव नियुक्ति एवं कार्मिक देवेश चतुर्वेदी ने सभी अपर मुख्य सचिवों/प्रमुख सचिवों को इसके आदेश जारी किए गए हैं।
कार्मिक विभाग की ओर से जारी आदेश में मीडिया में बात रखने के लिए सरकारी कर्मचारियों के लिए तय गाइडलाइन का उल्लेख किया गया है। इसके अनुसार कोई सरकारी कर्मचारी सरकार या संबंधित प्राधिकारी से अनुमति के बिना मीडिया में लिखा-पढ़ी नहीं करेगा। कोई ऐसा लेख या बयान नहीं जारी करेगा। जिससे वरिष्ठ अधिकारियों या सरकार के फैसलों की आलोचना होती हो। किसी सूचना का भी अनधिकृत लेन-देन नहीं करेगा।
आदेश में बताया गया है कि मीडिया का स्वरूप अब बड़ा हो चुका है। इसमें प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के अलावा सोशल मीडिया (फेसबुक, एक्स, वॉट्सऐप, इंस्टाग्राम, टेलीग्राम ) और डिजिटल मीडिया भी शामिल है। योगी सरकार ने सभी अधिकारियों और कर्मचारियों को आदेशों का पालन करने के सख्त निर्देश दिए हैं।
Updated on:
21 Jun 2024 12:07 pm
Published on:
20 Jun 2024 07:26 pm