अगर अब योगी सरकार ऐसे अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के मूड में है। उत्तर प्रदेश शासन ने ऐसे अधिकारियों की लिस्ट तलब की है जिन्होंने अब तक अपने संबंधित जिलों में या नयी तैनाती की जगह पर कार्यभार नहीं ग्रहण किया है। इनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जा सकती है।
सरकार ने एक महीने के भीतर बड़ी संख्या में आईएएस व पीसीएस अधिकारियों के तबादले किए हैं। इनमें कई अफसर तबादले रुकवाने का दबाव बना रहे हैं। सरकार को कई तबादले रोकने व बदलने भी पड़े। अब 31 अक्तूबर की समयसीमा बीतने के बाद शासन का रुख ऐसे अफसरों के खिलाफ सख्त हो गया है। अपर मुख्य सचिव नियुक्ति एवं कार्मिक डॉ. देवेश चतुर्वेदी ने इस संबंध में सभी डीएम को पत्र लिखा है।
इसमें उन्होंने कहा है कि निर्वाचन आयोग के निर्देशों के क्रम में एक नवंबर से मतदाता सूची का पुनरीक्षण शुरू होगा। इसके लिए सभी निर्वाचन रजिस्ट्रीकरण अधिकारी व सहायक निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी के पदों पर अधिकारियों का पदस्थ होना आवश्यक है।
उन्होंने कहा है जिन अधिकारियों ने अब तक अपने तैनाती के जिले में कार्यभार ग्रहण नहीं किया है, उनके विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्रवाई प्रस्तावित है। उन्होंने ऐसे अफसरों की सूची एडीएम स्तर के अधिकारी के हस्ताक्षर से नियुक्ति विभाग को उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है। उन्होंने जिलाधिकारियों को हिदायत दी है कि इन निर्देशों का समयबद्ध अनुपालन सुनिश्चित करें।