प्रदेश में 2285 सरकारी स्कूल हैं। टैबलेट स्कूल में होने से कई तरह के काम स्कूल स्तर पर ही किए जा सकेंगे। इससे निरीक्षण की रिपोर्ट, अवस्थापना सुविधाएं व अन्य कई तरह की जानकारियों का आदान-प्रदान मिनटों में हो जाएगा। वहीं यूपी बोर्ड द्वारा परीक्षा के अपने स्कूल के रिजल्ट का विश्लेषण भी किया जा सकेगा और अन्य स्कूलों से तुलना भी की जा सकेगी।
यूपी में शहरों के प्राइमरी स्कूलों को मिलेगा अपना भवन प्रदेश के शहरी क्षेत्र में बने प्राइमरी स्कूलों को अब अपना भवन मिलेगा। प्रदेश सरकार जर्जर अवस्था में पड़े 600 से अधिक विद्यालय जिनमें से कुछ किराए के मकान में भी लिए गए हैं, उनकी अवस्था सुधारने के लिए विद्यालयों को भवन उपलब्ध कराएगी। बेसिक शिक्षा विभाग जल्द ही उत्तर प्रदेश आवास विकास परिषद से विद्यालय के लिए भूमि मांगेगा। जमीन मिलने पर केंद्र या फिर राज्य सरकार से धन आवंटित कराकर निर्माण कराया जाएगा।
दरअसल, स्कूलों का किराया कम होने से मकान मालिक विद्यालय का हिस्सा दुरुस्त नहीं कराते हैं। कई ऐसी जगह हैं जिनकी व्यावसायिक कीमत अधिक है। मकान मालिक चाहते हैं कि स्कूल परिसर खाली हो जाए। बेसिक शिक्षा परिषद ने ऐसे विद्यालयों को चिन्हित करके शासन को प्रस्ताव भेजा। शासन ने प्रस्ताव पर सहमति जताते हुए जल्द ही आवास विकास परिषद से विद्यालयों के लिए भूमि आवंटन करने का अनुरोध किया है। आवास विकास परिषद जिलाधिकारियों को इस संबंध में निर्देश देगा। बेसिक शिक्षा मंत्री डॉ. सतीश द्विवेदी ने कहा कि सरकार शहरी विद्यालयों को दुरुस्त करने पर गंभीर है। शिक्षकों का संकट भी जल्द दूर होगा।