हॉल के क्षमता अधिक होने पर दोनों पक्षों से शामिल होने वाले लोगों की संख्या बढ़ाई भी जा सकती है। प्रयास रहेगा कि आयोजन के लिए पांच सितारा होटलों को ऑफ सीजन में बुक किया जाए ताकि यह कम किराए में हॉल मिल सके। खर्च का कुछ हिस्सा स्वयंसेवी संस्थाओं से लिया जाएगा। वहीं कुल खर्च का 20 से 30 फीसदी हिस्सा लाभार्थी परिवार से लिया जाएगा। इससे मध्यवर्गीय परिवारों का भी पांच सितारा होटल में शादी का सपना पूरा हो सकेगा वहीं यह आयोजन भव्य होने के बावजूद इन परिवारों का बजट भी नहीं बिगड़ेगा।
समाज कल्याण विभाग के वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार देश दुनिया के स्तर पर कार्य करने वाली कुछ स्वयंसेवी संस्थाओं से शुरुआती दौर की वार्ता भी हो चुकी है जिसमें उन्होंने इस स्कीम से सहमति जताई है। चालू वित्त वर्ष में ही योजना को अमलीजामा पहनाए जाने की योजना है। कार्य योजना तैयार होने के बाद उच्च स्तर पर फाइनल प्रस्तुतीकरण भी दिया जाएगा।
मध्यवर्गीय परिवारों को मिलेगी बड़ी राहत
अभी प्रदेश में मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना संचालित है। दो लाख रुपये तक आए सीमा वाले परिवार इस योजना के दायरे में लाए गए हैं। इसमें सामूहिक कार्यक्रम का आयोजन करके जोड़ों की शादी कराई जाती है। प्रत्येक जोड़े की शादी पर सरकार 51000 खर्च करती है। 35000 बैंक खाते में, 10000 का सामान और ₹6000 आयोजन का खर्च किए जाते हैं।