500 रुपये मासिक भत्ता देने का किया था ऐलान बता दें कि सरकार ने विधानसभा चुनाव से पहले लोक कल्याण संकल्प पत्र में पंजीकृत श्रमिकों के लिए 500 रुपए भत्ता देने की बात कही थी। हालांकि ये व्यवस्था पहले चार महीने के लिए थी लेकिन इसका नतीजा यह हुआ कि ई-श्रम पोर्टल पर पंजीकरण कराने की होड़ मच गई। विभाग के सामने केंद्र द्वारा दिया गया 6 करोड़ 30 लाख पंजीकरण का टारगेट ही पहाड़ सा था, मगर भत्ते के फेर में रजिस्ट्रेशन 8 करोड़ 26 लाख पर जा पहुंचे।
कारण बताकर करना होगा आवेदन भाजपा के मुताबिक, अभी तक बैंक से लोन लेने से पहले बड़ी दिक्कत सिक्योरिटी की आती है। श्रमिकों के लिए बैंक की इस शर्त को पूरा कर पाना संभव नहीं है। लेकिन ऐसे में उन्हें ऋण के लिए उन्हें सिर्फ लोन लेने के कारण को बताते हुए आवेदन करना होगा। इस योजना का लाभ फिलहाल 1.43 करोड़ पंजीकृत श्रमिकों को मिल सकेगा। हालांकि अभी ई-श्रम पोर्टल पर हुए पंजीकरण की जांच होना बाकी है। तब यह आंकड़ा और बढ़ जाएगा।
दो विकल्पों पर विचार विभागीय सूत्रों की मानें तो इस योजना में काफी धनराशि जुड़ी है इसलिए रूपरेखा तय करने में बेहद सावधानी बरती जा रही है। इसमें दो विकल्पों पर विचार हो रहा है, पहला यह कि वित्त पोषण सरकार करे। दूसरा विकल्प पीएम स्वनिधि योजना की तर्ज पर इस योजना को बैंकों की मदद से संचालित करने का है।