इस मामले पर उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने कहा, “राज्य सरकार बेहतर चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध है। लेकिन कुछ अधिकारियों और कर्मचारियों के कारण काम में बाधा आ रही है। जांच समिति को दोषियों में से प्रत्येक की पहचान करनी चाहिए क्योंकि यह एक गंभीर अपराध है।”
स्वास्थ्य मंत्री ने कही ये बात
राज्य के स्वास्थ्य और चिकित्सा शिक्षा मंत्री पाठक ने कहा, “केजीएमयू को एक रिपोर्ट दर्ज करनी चाहिए। जिसमें बताया गया हो कि इस दवाई रैकेट के लिए कौन जिम्मेदार है। दोषी पाए जाने वालों के खिलाफ क्या कार्रवाई की गई है।”
राज्य के स्वास्थ्य और चिकित्सा शिक्षा मंत्री पाठक ने कहा, “केजीएमयू को एक रिपोर्ट दर्ज करनी चाहिए। जिसमें बताया गया हो कि इस दवाई रैकेट के लिए कौन जिम्मेदार है। दोषी पाए जाने वालों के खिलाफ क्या कार्रवाई की गई है।”
उन्होंने कहा कि डॉ राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान, एसजीपीजीआई और अन्य चिकित्सा संस्थानों को भी अपने परिसर से दवाओं के बांटने और बिक्री को लेकर सतर्क रहना चाहिए। यूपी एसटीएफ ने किया था दवाई रैकेट का भंडाफोड़
गुरुवार को यूपी एसटीएफ ने मरीजों की दवाइयां खुले बाजार में बेचने के आरोप में तीन लोगों को गिरफ्तार किया था। आरोपियों के पास से 2 लाख रूपए से अधिक मूल्य की गोलियां, सिरप और इंजेक्शन वाली दवाओं के कई बक्से बरामद किए। इन दवाओं को HRF फार्मेसी से 60% तक की छूट पर खरीदा गया था।
गुरुवार को यूपी एसटीएफ ने मरीजों की दवाइयां खुले बाजार में बेचने के आरोप में तीन लोगों को गिरफ्तार किया था। आरोपियों के पास से 2 लाख रूपए से अधिक मूल्य की गोलियां, सिरप और इंजेक्शन वाली दवाओं के कई बक्से बरामद किए। इन दवाओं को HRF फार्मेसी से 60% तक की छूट पर खरीदा गया था।
केजीएमयू की दवाइयां बेचीं लेकिन बिल नहीं बने
केजीएमयू जांच समिति ने फार्मेसी में बिलों की जांच शुरू की है। इसमें पाया गया है कि पिछले कुछ दिनों में बेची गई हजारों दवाओं के बिल नहीं बने। समिति अब पता लगाने की जांच की कर रही है कि क्या ये दवाइयां किसी असली मरीज को बेची गईं या फिर रैकेट चलाने वालों ने इसे बाहर भी बेचा है।
केजीएमयू जांच समिति ने फार्मेसी में बिलों की जांच शुरू की है। इसमें पाया गया है कि पिछले कुछ दिनों में बेची गई हजारों दवाओं के बिल नहीं बने। समिति अब पता लगाने की जांच की कर रही है कि क्या ये दवाइयां किसी असली मरीज को बेची गईं या फिर रैकेट चलाने वालों ने इसे बाहर भी बेचा है।