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अखिलेश की मांग, राम-सीता और लक्ष्मण के अलावा रावण को भी मिले पेंशन

locationलखनऊPublished: Jan 21, 2019 07:57:06 pm

Submitted by:

Ashish Pandey

बोले-उत्तर प्रदेश में सरकार बनने पर वह गरीब महिलाओं को 2000 रुपये प्रतिमाह समाजवादी पेंशन देंगे।
 

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अखिलेश की मांग, राम-सीता और लक्ष्मण के अलावा रावण को भी मिले पेंशन

लखनऊ. एक ओर जहां कर्मचारी संगठन पुरानी पेंशन बहाली की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे हैं तो वहीं सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि राम-सीता और लक्ष्मण के साथ रावण को भी पेंशन मिलनी चाहिए। सपा अध्यक्ष ने कहा कि उत्तर पद्रेश की योगी सरकार सूबे के सभी साधु-संतों को कम से कम २०-२० हजार रुपए प्रतिमाह पेंशन दे। उन्होंने कहा कि रामलीला में काम करने वाले सभी कलाकारों को भी पेंशन मिलनी चाहिये। इनमें राम, सीता और लक्ष्मण का रोल करने वालों के साथ रावण का भी किरदार निभाने वालों को पेंशन मिलनी चाहिए। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि उत्तर प्रदेश में सरकार बनने पर वह गरीब महिलाओं को 2000 रुपये प्रतिमाह समाजवादी पेंशन देंगे।
यूपी में सपा-बसपा गठबंधन के बाद अखिलेश यादव भाजपा पर लगातार हमला बोल रहे हैं। उन्होंने सोमवार को भी भाजपा पर जमकर हमला बोलते हुए कहा कि महागठबंधन में हमारे पास बहुत विकल्प हैं। हमारे देश में जनता खुद नेतृत्व तय कर लेती है। आने वाले समय में जल्दी ही महागठबंधन का नेता तय होगा। उन्होंने कहा कि इस बार देश नए प्रधानमंत्री की तैयारी कर रहा है और हमारे पास प्रधानमंत्री पद के लिए कई च्वॉइस हैं, लेकिन अगर भाजपा के पास कोई नया प्रधानमंत्री हो तो बताएं, जबकि बीजेपी के पास 40 से ज्यादा दल हैं।
ताकि पता चले की काम कौन कर रहा है
वाराणसी में 21 से 23 जनवरी तक चलने वाले प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन पर कहा कि हमें उम्मीद है कि अर्धकुंभ में नहाने के बाद उत्तर प्रदेश में इन्वेस्टमेंट होगा। उन्होंने कहा कि वह एनआरआई का स्वागत करते हैं। वह आयें और काशी देखें। कुंभ भी देखें। साथ ही लौटते समय एक्सप्रेस-वे पर भी जाएं, ताकि पता चले कि काम कौन कर रहा है।
अखिलेश यादव ने कहा कि भारत सरकार कुंभ में अच्छा काम कर रही है। कुंभ में दान का विशेष महत्व है। हमारी मांग है कि भारत सरकार यूपी को किला दान कर दे और सेना को यमुना किनारे शिफ्ट कर दिया जाए, जहां बहुत सी जमीन पड़ी है।
वह राजनीति में कोई करता है क्या?
मुगलसराय की भाजपा विधायक साधना सिंह के बयान पर निशाना साधते हुए सपा अध्यक्ष ने कहा कि उन्होंने मायावती को लेकर जिस तरह की भाषा का इस्तेमाल किया है, वह राजनीति में कोई करता है क्या? राजनीति में ऐसी भाषा का इस्तेमाल नहीं होना चाहिए। सपा प्रमुख ने कहा कि बीते वर्षों में इनकी राजनीतिक भाषा और व्यवहार देख चुकी जनता 2019 में इन्हें सबक सिखाने का काम करेगी। जो लोग भारतीय संस्कृति की दुहाई देते नहीं थकते, सोचिये उनकी भाषा क्या है? कहा कि सिर्फ छोटी इकाई ही नहीं, सबसे ऊंचे पद पर बैठने वालों की भी भाषा यही है। ये फ्रस्टेशन और डिप्रेशन मिला दो, यही है।
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