महत्वाकांक्षी विकासखंडों का होगा चयन
समीक्षा बैठक में योगी ने कहा कि महत्वाकांक्षी जिलों की तरह महत्वाकांक्षी विकासखंडों का भी चयन किया जाना है। प्रदेश की प्राथमिकताओं में शामिल संकेतकों के आधार पर चयनित 154 पिछड़े विकासखंडों में महत्वाकांक्षी जिलों की तर्ज पर कार्यक्रम और योजनाएं लागू करें। ग्राम पंचायतों में उपलब्ध धनराशि को इसी वित्तीय वर्ष में खर्च करें। बैठक में विभिन्न विभागों के मंत्री और वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।
हर जिले की अलग जीडीपी की व्यवस्था
सीएम योगी आदित्यनाथ ने ईज ऑफ डुइंग पर जोर देने के साथ ही कहा कि प्रदेश की तर्ज पर ही जिला स्तर पर भी जीडीपी की गणना की व्यवस्था बनाई जाए। जिलों में प्रति व्यक्ति की आय बढ़ानी है। इसके लिए नोडल अधिकारी नामित किया जाएं। ईज ऑफ डुइंग बिजनेस में प्रदेश की रैंकिंग में सुधार के प्रयास के साथ ही कहा कि ऑनलाइन एमओयू ट्रैकिंग सिस्टम और ऑनलाइन इन्सेंटिव मैनेजमेंट टूल विकसित करें। सीएम योगी ने इस प्रक्रिया को अगले माह में पूरी करने के निर्देश दिए हैं और कहा कि प्रदेश में चिकित्सकों की कमी को पूरा करने के लिए 16 जिलों- बागपत, बलिया, भदोही, चित्रकूट, हमीरपुर, हाथरस, कासगंज, महराजगंज, महोबा, मैनपुरी, मऊ, रामपुर, संभल, संतकबीरनगर, शामली और श्रावस्ती में पीपीपी मॉडल पर जिला चिकित्सालयों को उच्चीकृत कर मेडिकल कॉलेज बनाया जाना है। इसके लिए जल्द ही प्रक्रिया शुरू की जाएगी।
ये निर्देश जारी
– मुख्यमंत्री शिक्षुता प्रोत्साहन योजना को लागू करने के लिए विभाग समन्वय कर तैयारी करें।
– आयुष्मान भारत-गोल्डन कार्ड के वितरण में तेजी लाएं। केंद्र व राज्य की स्वास्थ्य और पोषण से संबंधित सभी सेवाओं को आरोग्य मेलों में उपलब्ध कराएं।
– चिह्नित करें कि एक जिला एक उत्पाद योजना के तहत निर्यात के लिए और कौन-कौन से उत्पाद शामिल कर सकते हैं।
– पीएम किसान सम्मान निधि योजना की धनराशि जिन किसानों को नहीं मिली है, उनकी पहली किश्त और अन्य किसानों की अगली किश्त का भुगतान 31 मार्च तक कर दें।
– जीएसटी राजस्व अपवंचन पर अंकुश लगाने के संबंध में जल्द रिपोर्ट प्रस्तुत करें।
– सोनभद्र में ट्राइबल म्यूजियम स्थापित करने का प्रस्ताव शीघ्र ही केंद्र सरकार को भेजा जाए।
क्या है ईज ऑफ लिविंग
ईज ऑफ लिविंग इंडेक्स की शुरुआत जून 2017 में की गई थी, इसका मुख्य उद्देश्य शहरों में निवास की स्थिति का अध्ययन करना है। ईज ऑफ लिविंग इंडेक्स यानि जीवन जीने की सुगमता का सूचकांक एक सर्वे है। इस सर्वे के दौरान लोगों को शहर के आधारभूत ढांचे, यातायात, कानून व्यवस्था, परिवहन, बिजली, पानी, शिक्षा, सुरक्षा, मनोरंजन आदि जैसी बुनियादी सुविधाओं के बारे में जानकारी देनी होती है। बता दें कि इस सूचकांक में स्मार्ट सिटी के दावेदार 111 शहर, राज्यों की राजधानियों तथा 10 लाख से अधिक की जनसंख्या वाले शहर शामिल हैं। इसमें शहरों को 4 पैरामीटर्स पर आंका गया है, इन चार पैरामीटर्स को आगे 15 श्रेणियों में बांटा गया है। यह चार पैरामीटर्स प्रशासन, सामाजिक (शिक्षा, स्वास्थ्य, सुरक्षा), आर्थिक (अर्थव्यवस्था व रोज़गार) तथा भौतिक कारक (ठोस कचरा प्रबंधन, जल आपूर्ति, परिवहन, प्रदूषण, उर्जा इत्यादि) हैं। जब 111 शहरों के लिए ‘इजी ऑफ लिविंग’ इंडेक्स का आंकलन आवास मंत्रालय द्वारा किया गया तो उनमें दिल्ली 65वें रांची 68 वे लखनऊ 73 वे जबकि बिलासपुर 13 वे जबलपुर 15 वा, झांसी 34 वां आगरा 55 वे तथा अमृतसर 76 वां स्थान पर रहा है।