दरअसल आरकॉम कंपनी को पूर्व सरकार के सबसे ताकतवर नेता का करीबी माना जाता है। पिछली सरकार में इस आर्किटेक्ट कंपनी के रसूख का यह आलम था कि उसके प्रतिनिधि सीधे शासन की बैठकों में बिना रोक टोक चले जाते थे जबकि एलडीए अधिकारी बाहर इंतजार कर रहे होते थे। हालांकि अब शुरू हुई जांच में बड़े पैमाने पर बरती गई अनियमितताओं से पर्दा उठने की उम्मीद है।
समाजवादी पार्टी की सरकार ने गोमतीनगर में समाजवादी चिंतक जयप्रकाश नारायण के नाम पर जय प्रकाश नारायण इंटरनेशनल सेंटर (जेपीएनआईसी) का निर्माण कराया था। करीब 800 करोड़ रुपए से अधिक की लागत में एक अत्याधुनिक सेंटर बनाया गया, जिसमें तमाम तरह की सुविधाओं का भी ख्याल रखा गया, लेकिन भाजपा सरकार बनने के बाद से अब तक चार जांच हो चुकी हैं। न दोषियों पर कार्रवाई हो पा रही है और न ही इस सेंटर का निर्माण कार्य पूरा करा कराया जा सका। ऐसी स्थिति में इसे जनता को भी सौंपा नहीं जा सका है।
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एलडीए को भुगतान नहीं करेगा शासन
मुख्य सचिव के निर्देश के बाद आवास विभाग के सचिव अजय चौहान ने एलडीए को पत्र भेजा है। आवास विभाग की मानें तो पूर्व में स्वीकृत बजट में ही जेपीएनआईसी का काम पूर्ण कराया जाएं। बिना शासन के अनुमोदन के जो काम एलडीए द्वारा कराए गए है, उनका भुगतान शासन द्वारा नहीं होगा। जो काम पूर्व स्वीकृत बजट के अलावा कराए गए हैं, उनका भी भुगतान एलडीए को शासन नहीं करेगा। इन कामों को कराने वालों का उत्तरदायित्व भी देखा जाएगा. एलडीए इसकी रिपोर्ट बोर्ड ऑफ ट्रस्टीज की अगली बैठक में रखेगा। एलडीए ने संशोधित डीपीआर तैयार व्यय वित्त समिति से अनुमति लेने की कार्रवाई भी शुरू कर दी है।