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यूपी को मेडिकल हब बनाने में आयुर्वेद निभाएगा महत्वपूर्ण भूमिका

locationलखनऊPublished: May 27, 2022 03:01:26 pm

Submitted by:

Ritesh Singh

योजना के तहत उन्नाव, श्रावस्ती, हरदोई, संभल, गोरखपुर एवं मीरजापुर में 50-50 बेड वाले एकीकृत आयुष चिकित्सालयों की भी स्थापना की जा रही है।

यूपी को मेडिकल हब बनाने में आयुर्वेद निभाएगा महत्वपूर्ण भूमिका

यूपी को मेडिकल हब बनाने में आयुर्वेद निभाएगा महत्वपूर्ण भूमिका

उत्तर प्रदेश मेडिकल टूरिज्म का हब बनाने की दिशा में योगी सरकार ने अपने कदम बढ़ाने शुरू कर दिए हैं। इसमें आयुर्वेद की सर्वाधिक महत्वपूर्ण भूमिका हो सकती है। यही वजह है कि सरकार आयुर्वेद को खासा प्रोत्साहन दे रही है। साल 2017 के बाद यूपी की कमान संभालते ही युद्धस्तर पर स्वास्थ्य सुविधाओं में तेजी से इजाफा किया। बेहतर हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए प्रदेश के सीमावर्ती व अन्य क्षेत्रों में सुपर स्पेशियलिटी चिकित्सालयों की स्थापना करने का निर्णय लिया है।
प्रदेश में अन्तर राज्यीय और अंतर्राष्ट्रीय सीमाओं पर मेडिकल कॉलेज की स्थापना किए जाने का निर्णय सरकार ने लिया है जिससे एक ओर प्रदेश में रेफरल केसों की संख्या में काफी कमी आएगी। वहीं उत्तर प्रदेश मेडिकल टूरिज्म का हब बनेगा। इसके लिए योगी सरकार ने साल वित्तीय वर्ष 2022-2023 के बजट में 25 करोड़ रुपए की धनराशि प्रस्तावित की है। दरअसल आयुर्वेद भारत की अपनी और प्राचीनतम चिकित्सा पद्धति है। बिना किसी दुष्प्रभाव के रोगों के रोकथाम या निरोग करने की विधा। इसलिए इसे दीघार्यु का विज्ञान, भी कहा जाता है। आयुर्वेद विश्व की प्राचीनतम चिकित्सा प्रणालियों आयुर्विज्ञान, विज्ञान की वह शाखा है जिसका सम्बन्ध मानव शरीर को निरोग रखने, रोग हो जाने पर रोग से मुक्त करने अथवा उसका शमन करने तथा आयु बढ़ाने से है।

एलोपैथी के इस जमाने में भी अधिकतर लोग प्राथमिक इलाज के लिए आयुर्वेद का ही सहारा लेते हैं। वैश्विक महामारी कोरोना के दौरान पूरी दुनिया ने आयुर्वेद का लोहा खासकर शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में माना। आयुर्वेद एक प्राचीन और प्राकृतिक चिकित्सा का तरीका है। कई हजार वर्षों से आयुर्वेद का इस्तेमाल स्वास्थ्य के तमाम गंभीर रोगों के उपचार के लिए होता चला आ रहा है। आयुर्वेद को बढ़ावा देने के उद्देश्य से गोरखपुर में आयुष विश्वविद्यालय की स्थापना के लिए योगी सरकार ने बजट में 113 करोड़ 52 लाख रुपए की धनराशि प्रस्तावित की है।
आयुर्वेद की इन्हीं खूबियों की वजह से उत्तर प्रदेश सरकार आयुर्वेद को बढ़ावा दे रही है। करीब 268 करोड़ रुपये की लागत से 52 एकड़ के परिसर में प्रदेश का पहला आयुष विश्वविद्यालय महायोगी गुरु गोरक्षनाथ के नाम से निर्माणाधीन है। 28 अगस्त 2021 को राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने इसका शिलान्यास किया था। इसके अलावा आयुष मिशन योजना के तहत अयोध्या में राजकीय आयुर्वेदिक महाविद्यालय की स्थापना की जा रही है। इसी योजना के तहत उन्नाव, श्रावस्ती, हरदोई, संभल, गोरखपुर एवं मीरजापुर में 50-50 बेड वाले एकीकृत आयुष चिकित्सालयों की भी स्थापना की जा रही है।
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