मुलायम का पत्र भी राज्य सम्पत्ति विभाग को भेजा गया
पूर्व सीएम मुलायम सिंह यादव ने बुधवार को मुलाकात के दौरान जो पत्र सीएम योगी को सौंपा था। वह पत्र भी गुरुवार को सीएम ने राज्य सम्पत्ति विभाग को भेज दिया। मुलायम द्वारा सौंपे गए पत्र में 4, विक्रमादित्य मार्ग और 5, विक्रमादित्य मार्ग के बंगलों में से एक बंगला नेता प्रतिपक्ष और दूसरा विधान परिषद में नेता विरोधी दल को देने का सुझाव था। इसके अलावा मुलायम और अखिलेश को मिली सुरक्षा को देखते हुए उन्हें बंगलों के आवंटन का भी सुझाव था।
नोटिस योगी आदित्यनाथ के आदेश पर नोटिस जारी
जानकारी मिलने क् बाद पता चला है कि राज्य सम्पत्ति विभाग ने सभी पूर्व मुख्यमंत्रियों को नोटिस देने के लिए पहले से ही पूरी तैयारी कर ली थी और इस नोटिस को लेकर न्याय विभाग की अनुमति भी मिल चुकी थी। पूर्व मुख्यमंत्रियों को नोटिस भेजने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आदेश का इंतजार था और अब वह इंतजार खत्म हो गया है। पूर्व मुख्यमंत्रियों को 15 दिन में सरकारी बंगले खाली करने का नोटिस योगी आदित्यनाथ के आदेश पर जारी कर दिया गया है।
सरकारी बंगलों में रहने का कोई हक नहीं है
बताया जा रहा है कि उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्रियों में मुलायम सिंह यादव, अखिलेश यादव , मायावती , एन डी तिवारी, कल्याण सिंह और राजनाथ सिंह को लखनऊ में सरकारी बंगले प्रदान किए गए थे। जिसके लिए इन लोगों को केवल उसका किराया ही देना पड़ता था। इसी बात को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि पूर्व मुख्यमंत्री अपने पद से कार्य मुक्त हो जाने के बाद उनको सरकारी बंगला दिया जाना उचित नहीं है क्योंकि मुख्यमंत्री पद से कार्य मुक्त हो जाने के बाद उन्हें इन सरकारी बंगलों में रहने का हक भी खत्म हो जाता हैँ। इसलिए इन पूर्व मुख्यमंत्रियों से लखनऊ के सरकारी बंगले खाली करवाए जाएं।
मुलायम और सीएम योगी के बीच चर्चा
समाजवादी पार्टी संरक्षक और सांसद मुलायम सिंह यादव ने बुधवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात की और उसी दौरान योगी आदित्यनाथ से कहा था कि उनका उन्हें जो सरकारी बंगला लखनऊ में रहने के लिए मिला है तो उस बंगले बचाने के लिए आप कोई रास्ता निकालें। सूत्रों के अनुसार, मुलायम और सीएम योगी के बीच चर्चा के दौरान यह भी सामने आया है कि अगर मुलायम और अखिलेश के सरकारी बंगले विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष राम गोविंद चौधरी और विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष अहमद हसन के नाम कर दिए जाएं तो सरकारी आवास को बचाया जा सकता है और कल्याण सिंह को जो आवास मिला है उसे उनके पोते और राज्यमंत्री संदीप सिंह को दे दिया जाए तो इस प्रकार से इन सरकारी बंगलों को बचाया जा सकता है।