mandi parishad के अधिकारियों का मनमाना रवैया व भ्रष्टाचार किसी से छिपा नहीं है अभी महीने भर पहले ही चित्रकूट मे बिना काम के भुगतान करने के मामले में तीन अधिकारियों को निलंबित किया जा चुका है । मंडी समितियों मे किस तरह से किसानों व व्यापारियों का शोषण किया जाता है और उनको लूटा जा रहा है जबतब मामले सामने आते रहते हैं। मुख्यमंत्री योगी mandi parishad के स्वयं अध्यक्ष भी हैं इसलिए लगा था कि प्रदेश भर मे मंडी समितियों की दशा सुधारेगी और शोषण पर रोक लगेगी पर अभी तक ऐसा मंडियों मे दिखना शुरू नहीं हुआ है सब कुछ पहले की ही तरह चल रहा है ,कई मंडियों में तो सुविधाओं का जबरदस्त अभाव है । दूर जाने की जरूरत नहीं है लखनऊ की नवीन गल्ला मंडी की दशा कभी भी देखी जा सकती है । मंडी प्रशासन कोशिश तो कर रहा है पर उसके नतीजे सामने नहीं आ पा रहे हैं ।
गत एक महीने में मंडी प्रशासन ने कानपुर, हमीरपुर, झांसी, महोबा, सहारनपुर, हापुड़, नोएडा, मेरठ, लखीमपुर सहित कई जिलों व मंडियों का निरीक्षण तो किया पर भ्रष्टाचार व गड़बड़ियों मे लिप्त अधिकारियों पर किसी तरह की कोई कार्रवाई नहीं की । या तो ऐसे मामले वह पकड़ नहीं पाया या फिर आंखें बंद कर निरीक्षण की केवल खानापूर्ति की गई है । बनारस का ही मामला ले लीजिए , वहां पर एक ऐसे मंडी सचिव को तैनात किया गया है जिसे पूर्व मंत्री स्वाती सिंह ने अपने निरीक्षण मे खुद पकड़ा था और निलम्बित करने के लिए लिखा था।
पर सब मामला दब गया मंडी सचिव को लखनऊ से हटाकर बस बनारस मंडी में पोस्ट कर दिया गया । इस सचिव के बनारस पहुंचने के बाद ही मंडी समिति की आमदनी में भारी गिरावट आ गई है । बताया जाता है कि वहां पर मंडी टैक्स की चोरी कराने का कुछ लोगों ने ठेका तक ले रखा है ।बहरहाल , मुख्यमंत्री की मंशा के अनुरूप mandi parishad मे भ्रष्टाचार व भ्रष्ट अधिकारियों के खिलाफ अभियान पूरी तरह से चल नहीं पा है।