पहली अक्टूबर से नया टाइम टेबल कोरोना की पहली लहर के बाद रेलवे ने ट्रेनों का संचालन शुरू किया तो गाड़ियां जीरो नंबर से संचालित हुई। जीरो से शुरू नंबरों से ट्रेनों का किराया औसत से 30 से 50 प्रतिशत अधिक हो गया। पर्व न होने के बावजूद स्पेशल ट्रेनों के नाम पर रेलवे बोर्ड ने ज्यादातर गाड़ियों का अपने ढंग से किराए का निर्धारण किया। चुनिंदा ट्रेनों में पहले जैसा सामान्य किराया था वहीं ज्यादातर दोगुने से भी ज्यादा का अंतर था। पर अब रेलवे की मंशा है कि रेलयात्रियों का बजट बिगाड़ रही ट्रेनों से जीरो नंबर हटाकर पुराने फार्मूले पर चलाने की मंशा है। रेलवे में अब पहली अक्टूबर से नया टाइम टेबल आने की संभावना है।