सत्ता पक्ष और विपक्ष को जनता के मन में क्या चल रहा है उसका एक हल्का सा अंदाजा हो जाएगा। वैसे ‘बहनजी’ उपचुनाव की इन आठ सीटों को लेकर काफी गंभीर हैं। आठ सीटों पर चुनाव लड़ेंगी। और बेहद गंभीरता से योजना बन रहीं हैं। जब से कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी को पूरे यूपी का प्रभार मिला है, यूपी कांग्रेस के नेता और कार्यकर्ताओं में जोश भर गया है। प्रियंका गांधी और उनकी टीम इन उपचुनाव को लेकर इतनी गंभीर है कि हर सीट के लिए जहां अलग-अलग रणनीति बना रही है वहीं इन आठ सीटों के लिए अगल-अलग सेनापतियों को भी नियुक्त किया जा रहा है। जो कांग्रेस के जीत का परचम लहरा सकें।
विधायक के सांसद बनने के बाद खाली हुई थी यह सीट
प्रदेश की जिन आठ सीटों पर उपचुनाव प्रस्तावित हैं, उनमें फिरोजाबाद की टुंडला सीट है, जहां से विधायक चुने गये भाजपा के डॉ. एसपी सिंह बघेल ने सांसदी जीतने के बाद विधायकी से इस्तीफा दे दिया था। मामला कोर्ट में लम्बित होने के चलते अब तक यहां उपचुनाव नहीं हो सका है। उन्नाव की बांगरमऊ विधानसभा क्षेत्र से भारतीय जनता पार्टी के कुलदीप सिंह सेंगर जीते थे। उम्रकैद की सजा मिलने के कारण उनकी विधायकी रद्द कर दी गई थी। 2017 के विधानसभा चुनाव में रामपुर की स्वार सीट से समाजवादी पार्टी के सांसद आजम खां के पुत्र अब्दुल्ला आजम जीते थे। जन्मतिथि विवाद के चलते उनकी सदस्यता निरस्त कर दी गई थी।
कानपुर की घाटमपुर सीट और अमरोहा की नौगावां सादात सीट भी रिक्त है। कोरोना महामारी के चलते घाटमपुर से बीजेपी की कमल रानी वरुण और नौगावां सादात से चेतन चौहान की मृत्यु हो चुकी है। दोनों योगी सरकार में कैबिनेट मंत्री थे। इसके अलावा सपा विधायक पारसनाथ यादव के निधन से जौनपुर की मल्हनी विधानसभा सीट रिक्त है। वहीं, देवरिया सदर से बीजेपी के जन्मेजय सिंह और बुलंदशहर से बीजेपी के वीरेंद्र सिरोही की सीटें भी निधन के कारण रिक्त हैं।
बीजेपी के कब्जे वाली सीटें टूंडला (फिरोजाबाद) बांगरमऊ (उन्नाव) बुलंदशहर सदर (बुलंदशहर) देवरिया सदर (देवरिया) घाटमपुर (कानपुर) नौगवां सादात (अमरोहा) सपा के कब्जे वाली सीटें