2.80 लाख लिए हर एक बच्चे से
भड़के परिजन पुलिस कमिश्नर डॉ. सुखचैन सिंह से मिलने के लिए पहुंचे। परिजनों ने उन्हें पूरे मामले की जानकारी दी और शिकायत दी। पुलिस कमिश्नर ने इस मामले की जांच के लिए एडीसीपी सुरिंदर लांबा की ड्यूटी लगाई है। पुलिस कमिश्नर दफ्तर मिलने पहुंचे परिजनों ने बताया कि चार महीने पहले स्कूल प्रबंधन की तरफ से एक एजेंट हायर किया गया था। छात्रों के परिजनों से बात कर उन्हें बताया गया था कि बच्चों को अमेरिका के नासा में टूर के लिए जाना है। जिसके लिए एक बच्चे का 2.80 लाख रुपए का खर्च आएगा। इस पर 148 बच्चों के परिजन मान गए और उन्होंने स्कूल प्रबंधन को एजेंट के नाम के ड्राफ्ट और कुछ कैश दे दिया।
… तब लगा झटका कुछ दिन बीत जाने के बाद उन्हें पता चला कि सभी बच्चों का वीजा कैंसल हो गया है। इसके बाद न तो बच्चों को पैसे वापस दिए गए और न ही उन्हें विदेश भेजा गया। बच्चों के परिजन स्कूल पहुंचे, तो स्कूल वालों ने एजेंट के पास जाने की बात कही, लेकिन किसी जगह पर सुनवाई नहीं हुई। एक बच्चे के पिता तजिंदर ने बताया कि वीजा कैंसल होने के बाद वह एजेंट (
Travel Agent ) के पास गए थे। सारी जानकारी हासिल की और एजेंट ने कहा कि वह सभी के पैसे वापस करेगा, लेकिन उसके बाद उसने किसी की कोई बात नहीं सुनी। बच्चों के परिजनों ने आरोप लगाया कि इस सारे मामले में स्कूल प्रबंधन की मिलीभगत भी है। बच्चों के परिजनों ने तो स्कूल प्रबंधन के नाम पर पैसे दिए थे।