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फ्रांस में जिन्हें पगड़ी के कारण स्कूल से निकाला गया था, वही रणजीत सिंह बने डिप्टी मेयर

locationलुधियानाPublished: Jul 11, 2020 10:32:51 pm

Submitted by:

Bhanu Pratap

फ्रांस के स्कूल व कॉलेज में पगड़ी, हिजाब सहित अन्य कोई भी धार्मिक प्रतीक ले जाने पर प्रतिबंध है, वहां रणजीत सिंह का डिप्टी मेयर चुना जाना एक बड़ी उपलब्धि है।

Ranjeet singh

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गुरदासपुर। फ्रांस के स्कूल व कॉलेज में पगड़ी, हिजाब सहित अन्य कोई भी धार्मिक प्रतीक ले जाने पर प्रतिबंध है, वहां रणजीत सिंह का डिप्टी मेयर चुना जाना एक बड़ी उपलब्धि है। वर्ष 2004 में रणजीत सिंह गोराया को भी पगड़ी (sikh pagri) पहनने के कारण सरकारी कॉलेज से निकाल दिया गया था। उन्होंने घर से ही पढ़ाई कर वकालत की डिग्री हासिल की और आज शहर के नामी वकीलों में शुमार हैं। सिखज ऑफ फ्रांस संस्था के प्रधान भी हैं। वही रणजीत सिंह फ्रांस के बोबिनी शहर (Bobigny city) के डिप्टी मेयर बने हैं। फ्रांस के इतिहास में गुरदासपुर के रणजीत सिंह गोराया वहां के पहले सिख डिप्टी मेयर चुने गए हैं। रणजीत गुरदासपुर के गांव सेखां के रहने वाले हैं।
रणजीत सिंह के ताया गुरचैन सिंह ने बताया कि करीब 40 साल पहले उनके छोटा भाई गुरचैन सिंह फ्रांस गए थे। फ्रांस जाकर उन्होंने पहले कपड़े का कारोबार किया। इसके बाद अपना होटल खोल लिया। वहां पर गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के प्रधान भी बन गए। करीब दस साल फ्रांस में रहने के बाद गुरचैन वापस आए और गांव मान चोपड़ा की सुरिंदर कौर से शादी की। शादी के बाद वह पत्नी के साथ वापस फ्रांस लौट गए। रणजीत सिंह का जन्म फ्रांस में ही हुआ है। रणजीत सिंह की पत्नी प्रीति भी भारत से ही संबंध रखती हैं।
गांव सेखां भारत-पाक सीमा से मात्र 15 किलोमीटर दूर है। वर्ष 2018 में रणजीत भारत आए और गांव को गोद लेकर सीवरेज प्रोजेक्ट सहित विकास कार्यों का खाका तैयार किया था। इस साल वे प्रोजेक्ट पर काम शुरू करवाने के लिए आने वाले थे लेकिन कोरोना वायरस के कारण नहीं आ पाए। रणजीत ने भरोसा दिया है कि हालात ठीक होते ही वे गांव आएंगे। ताया कश्मीर सिंह बताते हैं कि एक साल पहले वे पत्नी सुरजीत कौर के साथ फ्रांस गए थे। कुछ महीने वहां रुके भी थे। परिवार में सभी का आपस में बहुत प्रेम है। अकसर फ्रांस आना-जाना होता रहता है। रणजीत सिंह गोराया की दो साल की बेटी का शुक्रवार को जन्मदिन था। गांव को भी शुक्रवार को ही रणजीत के डिप्टी मेयर बनने की खुशखबरी मिली है। परिवार की खुशियां दोगुनी हो गई हैं।
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