लुधियाना

पंजाब सरकार खुल्लमखुल्ला अभिभावकों के साथ, अब करेगी ये काम

निजी स्कूलों को राहत मिलने से सरकार की किरकिरी, डबल बेंच में अपील की तैयारी, सभी पक्षों को इंसाफ दिलाने के लिए कानूनी कार्यवाही

लुधियानाJul 02, 2020 / 01:11 pm

Bhanu Pratap

Punjab and Haryana High Court

चंडीगढ़। पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट Punjab and Haryana High Court ने निजी स्कूलों Private schools को ट्यूशन फीस की वसूली Private schools fees के साथ एडमिशन फीस भी लेने को मंजूरी दे दी है। हाईकोर्ट ने कहा कि लॉकडाउन Lockdown in punjab की अवधि के लिए स्कूल अपने एनुअल चार्ज को भी वसूल सकते हैं। पंजाब सरकार ने फीस न वसूलने का आदेश दिया था। निजी स्कूल इस आदेश के खिलाफ हाईकोर्ट चले गए। हाईकोर्ट के आदेश के बाद पंजाब सरकार Punjab government की किरकिरी हुई है। यह देख पंजाब सरकार खुलकर स्कूलों के खिलाफ आ गई है। सरकार ने हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ डबल बेंच में अपील करने की घोषणा की है।
हाईकोर्ट ने ये बात मानी

पंजाब सरकार ने प्राइवेट स्कूलों को लॉकडाउन के समय के दौरान अध्यापकों और अन्य स्टाफ को सौ प्रतिशत वेतन देने, किसी भी अध्यापक और स्टाफ मेम्बर की छंटनी न करने, अकादमिक सेशन 2020 -21 में फीस में कोई विस्तार न करने, माँ-बाप से फीस मासिक या तिमाही के आधार पर भरने की व्यवस्था करने, आर्थिक मंदहाली का शिकार माँ-बाप के बच्चों की फीस माफ करने या कोई रियायत देने पर विचार करने, फीस न दे सकने वाले बच्चों को ऑनलाइन या रेगुलर शिक्षा से वंचित न करने का आदेश दिया था। हाई कोर्ट ने इन फ़ैसलों को बरकरार रखा है।
हाईकोर्ट ने ये बात नहीं मानी

राज्य सरकार ने फ़ैसला किया था कि स्कूल गर्मियों की छुट्टियों के समय को छोड़ कर कर्फ्यू या लॉकडाउन के समय की कोई फीस नहीं ले सकेंगे। इसके अलावा जिन स्कूलों ने लॉकडाउन के दौरान बच्चों को ऑनलाइन पढ़ाई करवाई या पढ़ाई करवा रहे हैं, वह बिल्डिंग खर्चे, परिवहन खर्च, रोटी के खर्र्चे को छोड़ कर सिफऱ् ट्यूशन फीस लेने के हकदार होंगे, जिनको अदालत ने नहीं माना। इसी तरह अदालत ने अपने फ़ैसले में शिक्षा विभाग को स्कूल शिक्षा के समूचे हित में तर्कसंगत आधार पर कोई फ़ैसला लेने संबंधी भी कोई टिप्पणी नहीं की।
यह बात भी कही है अदालत ने

हाई कोर्ट ने निजी स्कूलों स कहा है- 2020- 21 सत्र में फीस बढ़ाने से बचें। 2019-20 का फीस स्ट्रक्चर ही लागू रखें। स्कूल की फीस देने में अक्षम अभिभावक अपनी वित्तीय स्थिति की जानकारी देकर स्कूलों को फीस में कटौती या फीस माफी के आवेदन दे सकते हैं। फीस पर स्कूलों से रियायत न मिलने पर अभिभावक रेगुलेटरी बॉडी को भी शिकायत दे पाएंगे। अगर फीस न बढ़ाने से किसी स्कूल को वित्तीय संकट झेलना पड़े तो वह अपने वित्तीय स्थितियों की जानकारी के साथ जिला शिक्षा अधिकारी से संपर्क कर सकते हैं।
क्या कहते हैं शिक्षा मंत्री
पंजाब के शिक्षा मंत्री विजय इंदर सिंगला कहते हैं- सरकार हाई कोर्ट के फ़ैसले का सम्मान करती है परन्तु लॉकडाउन के दौरान लोगों के काम-काज पर पड़े बुरे प्रभाव और आर्थिक मंदहाली के सम्मुख इस फ़ैसले पर पुनर्विचार के लिए हाई कोर्ट की डबल बैंच के पास अपील दायर की जायेगी। उन्होंने कहा कि हाई कोर्ट ने अपने फ़ैसले में पंजाब सरकार की पाँच दलीलों को माना है और जिन दलीलों को नहीं माना गया, उन पर पुनर्विचार के लिए हाई कोर्ट की डबल बैंच के पास अपील की जायेगी। राज्य सरकार ने इस केस में बहुत मज़बूत तरीके से अपना पक्ष रखा और इन मामलों में एडवोकेट जनरल स्वयं हाई कोर्ट में पेश हुए। उन्होंने साथ ही कहा कि इस केस में शामिल सभी पक्षों जैसे माँ-बाप, अध्यापकों, स्टाफ, स्कूल प्रबंधकों और अन्यों के हितों को ध्यान में रखते पंजाब सरकार अगले दो या तीन दिनों में इस फ़ैसले के खि़लाफ़ एलपीए दाखि़ल करेगी।
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