पंजाब इन्वेस्टिगेशन ब्यूरो के लिए सादे कपड़ों वाले सिविलियन सहायक स्टाफ के तौर पर 798 माहिरों की भर्ती की जायेगी, जो कि अलग-अलग रैंक में जाने वाले कुल 4251 मुलाजिमों की भर्ती का हिस्सा होगी, जिससे जांच-पड़ताल के कामों का अहम तकनीकी पक्ष मज़बूत होगा। यह भर्ती पंजाब पुलिस विभाग के पुनर्गठन का हिस्सा होगी। एक सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि इस पुनर्गठन को मुख्यमंत्री के नेतृत्व में कैबिनेट ने आज वीडियो काँफ्रेंसिंग के द्वारा हुई मीटिंग में मंज़ूरी दे दी है। इस पुनर्गठन, जिसमें ब्यूरो की तरफ से सब-इंस्पेक्टरों /हैड कांस्टेबलों और कांस्टेबलों के रैंक में सीधी भर्ती की जायेगी, के अंतर्गत मौजूदा 4849 पद खत्म किये जाएंगे, जिससे यह यकीनी बनेगा कि राज्य के खजाने पर कोई अतिरिक्त वित्तीय बोझ न पड़े।
अस्थायी योजना के तौर पर 1481 पुलिस अफसरों की भर्ती की जायेगी जिसमें 297 एस.आई., 811 हैड कांस्टेबल और 373 कांस्टेबल शामिल हैं। इससे अलग-अलग क्षेत्रों जैसे कि साइबर और आर्थिक अपराधों के लिए वित्तीय किस्म की जांच पड़ताल को सम्यक ढंग से पूरा करने के लिए जरूरी माहिरों की मदद मिलेगी। इससे जांच प्रक्रिया में भी गुणवत्ता भरपूर सुधार आऐगा क्योंकि आज के समय के दौरान जांच-पड़ताल की जि़म्मेदारी 2015 में स्थापित पंजाब इन्वेस्टिगेशन ब्यूरो के बीच वाले जनरल पुलिस कर्मियों की तरफ से निभाई जाती है। इससे नशा तस्करों और सप्लायरों के खि़लाफ़ एन.डी.पी.एस. मामलों के अंतर्गत चल रही जांच प्रक्रिया में भी काफ़ी सुधार आऐगा। इतना ही नहीं बल्कि कानून, फोरेंसिक, कॉमर्स और अन्य क्षेत्रों में ग्रेजुएशन कर चुके नौजवानों की भर्ती के साथ पंजाब की पढ़ी-लिखी नौजवान पीढ़ी को रोजग़ार के साथ ही पंजाब पुलिस सेवा में अपना कैरियर बनाने का मौका मिलेगा।
यह भर्ती प्रक्रिया इन पदों को अधीनस्थ सेवाएं चयन बोर्ड के अधिकार क्षेत्र से बाहर करके पुलिस भर्ती बोर्ड के द्वारा पूरी की जायेगी। इससे ब्यूरो को मौजूदा पंजाब पुलिस मिनिस्टीरियल स्टाफ रूल्स के अनुसार मिनिस्टीरियल स्टाफ के 159 पद (100 प्रतिशत) पूरा करने में मदद मिलेगी और इसके साथ ही नये प्रस्तावित सेवा नियमों के अनुसार सिविलियन सहायक स्टाफ के 798 पदों को भरने में भी मदद मिलेगी। सबऑर्डीनेट रैंकों (इंस्पेक्टर से कांस्टेबल) के बाकी बचते 1947 पद, जोकि पंजाब ब्यूरो आफ इन्वेस्टिगेशन द्वारा प्रवानित कुल 4521 पदों का हिस्सा हैं, को आरंभिक तौर पर पंजाब पुलिस से डैपूटेशन और उसके बाद पंजाब ब्यूरो आफ इन्वेस्टिगेशन के रैंकों से तरक्की के द्वारा भरा जायेगा।
कैबिनेट के द्वारा ‘द पंजाब पुलिस इन्वेस्टिगेशन काडर सुबारडीनेट रैंकस (अपुआइंटमैंट एंड कंडीशनज़ आफ सर्विस) रूल्ज, 2020’ को भी मंज़ूरी दे दी गई है जिससे पंजाब ब्यूरो आफ इन्वेस्टिगेशन काडर के सबऑर्डीनेट रैंकों (कांस्टेबल से इंस्पेक्टर) की सेवा शर्तों और भर्ती की जायेगी। इस पुनर्गठन से पुलिस के कामकाज में और तेज़ी आयेगी, देरी घटेगी और जांच पड़ताल रफ़्तार पकड़ेगी जोकि प्रकाश सिंह मामले में सुप्रीम कोर्ट द्वारा निर्धारित किये गए लक्ष्यों में शामिल है।
पंजाब ब्यूरो आफ इन्वेस्टिगेशन प्राथमिक तौर पर गंभीर अपराध वाले मामलों के साथ निपटेगा जिनमें होमीसाईड और फोरेंसिक (एच एंड एफ) यूनिट, क्राइम अगेंस्ट वुमैन एंड चिल्ड्रेन (सी.ए.डब्ल्यू एंड सी.) यूनिट, नारकोटिक ड्रग्गज़ एंड साईकोट्रोपिक सबस्टांसिज़ (एन.डी.पी.एस.) यूनिट, स्पेशल क्राइम (एस.सी.) यूनिट और आर्थिक अपराध और साइबर क्राइम (ई.ओ. एंड सी.सी.) यूनिट शामिल हैं। राज्य में होने वाले जुर्मों का यह अपराध कुल 14 से 15 प्रतिशत हिस्सा हैं।