सिद्धू ने काॅरिडोर खुलवाने के लिए विदेश मंत्री सुषमा स्वराज को पत्र भेजा है। पत्र में सिद्धू ने स्वराज से अपील की है कि करतारपुर काॅरिडोर खोले जाने के मुद्दे पर पाकिस्तान के सकारात्मक रूख को देखते हुए हरसंभव प्रयास किए जाएं। सिद्धू ने पत्र में कहा है कि अब एक अवसर ने दस्तक दी है। पाकिस्तान ने करतारपुर काॅरिडोर खोले जाने की लम्बे समय से चली आ रही मांग पर पाकिस्तान ने सकारात्मक रूख दिखाया है।
सिद्धू ने पत्र में अपनी हाल की पाकिस्तान यात्रा का भी उल्लेख किया है। उन्होंने कहा कि इमरान खान के प्रधानमंत्री पद के शपथग्रहण समारोह के सिलसिले में उनकी पाकिस्तान यात्रा के समय इस मुद्दे पर कुछ सकारात्मकता दिखाई दी थी। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान स्थित ऐतिहासिक गुरूद्वारों में से करतारपुर गुरूद्वारे का बहुत महान महत्व है। यह वह स्थान है जहां गुरूनानक देव ने अपने जीवन के 18 साल व्यतीत किए थे। यह गुरूद्वारा अन्तरराष्ट्रीय सीमा के करीब स्थित है। इस तीर्थ से भारतीय श्रद्धालुओं की भावनाओं इतनी गहरी जुडी हुई हैं कि वे रोजाना भारतीय सीमा में स्थित डेराबाबा नानक जाते हैं और सीमा सुरक्षा बल द्वारा मुहैया कराए जाने वाले दूरबीन से इसके दर्शन करते है। कुछ पवित्र धरती को छूते हैं और आंसू भरी आंखों से लौटते है। वीसा की जरूरत के कारण सालों से बडी संख्या में श्रद्धालु करतारपुर तक नहीं पहुंच पाते। इसलिए करतारपुर काॅरिडोर के मुद्दे पर उपयुक्त कदम उठाए जाने चाहिए।
इमरान खान के शपथग्रहण समारोह के दौरान पाकिस्तान सेना प्रमुख कमर जावेद बाजवा के गले मिलने को लेकर भारत में सिद्धू की कडी आलोचना की गई थी। आलोचकों ने कहा था कि एक ओर तो पाकिस्तान की सेना भारतीय जवानों की हत्या कर रहे हैं और नवजोत सिद्धू सेना प्रमुख के गले मिल रहे है। इसके जवाब में सिद्धू ने कहा था कि कमर जावेद बाजवा ने उन्हें कहा कि करतारपुर कौरिडोर खोलने पर विचार किया जा रहा है और इस बात पर भावुक होकर वे गले मिल गए। हाल में सिद्धू ने पत्रकारवार्ता में कहा था कि पाकिस्तान की ओर से काॅरिडोर खोलने का फैसला किया गया है। भारत में सिद्धू की आलोचना पर इमरान खान ने उनके बचाव में कहा था कि सिद्धू शांतिदूत है।