धनंजय अपनी पत्नी व एक मात्र कर्मी के संग मिलकर पंप चला रहे थे। सोमवार की सुबह कर्मी नहीं आया था। शनिवार व रविवार को बैंक बंद रहने की वजह से दो दिनों की बिक्री का पैसा घर में ही रखा था। सुबह दैनिक काम करने के उपरांत पत्नी से कहा की वह खाना बनाकर नहा ले। तब तक व रैयाम स्थित बैंक में पैसा जमा कर आ रहे हैं। वह पैसे बैग में ले अपनी मोटर साइकिल से अकेले बैंक के लिए निकल पड़ा। चौक से आगे सुनसान जगह पर जब वह पहुंचा तो पहले से घात लगाए दो युवक सफेद अपाचे से सामने से आया और सीने पर दो गोलियां दाग दी। गोली लगते ही धनंजय वहीं गिर पड़ा। दोनों अपराधी पैसों का बैग लेकर भाग निकले।
गोलियों की आवाज सुन लोग दौड़ पड़े। लोगों ने घटना की सूचना रैयाम व सकरी थाना को दी।तथा धनंजय को उठा मधुबनी के एक निजी अस्पताल जहां डाक्टर ने उसे मृत घोषित कर दिया । मौत की खबर सूनते ही आक्रोशित हो स्थानिय लोगों ने शव को पंप पर रख बलिया बेलाम पथ को जाम कर दिया। सूचना मिलते ही सकरी थानाध्यक्ष अशोक कुमार ,एएसआई फहीम खां पुलिस बल के संग वहां पहुंचे। लोगों का कहना था की बलिया बेलाम में पुलिस ओपी बने तथा अपराधियों की शीध्र पकड़ा जाए तथा मामले की स्पेशल जांच की जाए।
घटनास्थल पर पहुंचे नेहरा पेट्रौल पंप के मालिक मृतक के मामा जयराम चौधरी व बलराम चौधरी ने मृतक के माता पिता, पत्नी व बच्चों को ढाढस बंधाया तथा वरीय पदाधिकारीयों से बात मामले की विशेष जांच करवाने तथा अपराधियों को यथा शीघ्र पकड़ने की मांग की। उन्होंने बताया की वर्ष 2011 में उनके नेहरा पंप पर अपराधियों ने लूट पाट की थी तथा बलराम चौधरी के बेटे अश्वनी चौधरी को गोलियों से भून दिया गया था।
आज उनके भांजे को गोलियों से सीना छलनी कर दिया गया। कहीं ना कहीं पुलिस की नाकामी है जो अपराधी इतने बेलगाम होते जा रहे हैं। मृतक की बड़ी बेटी वैष्णवी अपने मां व दादी को संभालती नजर आई जिसे देख वहां उपस्थित लोगों की आंखें नम हो गई। घटना को लेकर जहां गांव के लोग डरे सहमे हैं वहीं घटना का उछ्वेदन करना पुलिस के लिए एक चुनौती बन गई है।