पहुंचाया। पलारी क्षेत्र में 15 हाथियों की मौजूदगी की भी खबर मिल रही है। ग्रामीणों का मानना है कि हाथी प्रभावित गांवों में रोज हाथियों की आवाजाही के कारण फसल सुरक्षित नहीं है। हाथी घर के दरवाजे तक पहुंच रहे हैं। पहले से स्थिति और खराब है।
बताया जाता है कि तीन दंतैल एक महीने पहले ही अलग होकर गांवों में आतंक मचा रहे थे। कुछ दिन पहले एक दंतैल ने बुजुर्ग को कुचलकर मार डाला था। इसके बाद गांवों में दहशत है। अब यही दंतैल एक बार फिर अपने दल में शामिल हो गए हैं। अब 20 हाथी एक साथ हैं। शनिवार की रात कुकराडीह बंजर से सभी हाथी एक साथ निकले। जोबा में जनपद अध्यक्ष धरमदास महिलांग की धान की फसल को नुकसान पहुंचाया। इसके बाद आधी रात एक किसान के घर के सामने 20 हाथी एक साथ दिखने पर परिवार के लोगों के होश उड़ गए। लोगों ने घर की छत के ऊपर चढक़र अपनी जान बचाई।
इसके बाद हाथी गढ़सिवनी तरफ निकल गए। यहां भी हाथियों ने धान की फसल को नुकसान पहुंचाया। हाथी भगाओ, फसल बचाओ समिति के संयोजक राधेलाल सिन्हा ने बताया कि हाथियों के कारण जीना मुश्किल हो गया है। हाथियों के एकजुट होने से खतरा बढ़ गया है। उन्होंने बताया कि हाथी से प्रभावित किसानों को अगस्त व सितम्बर महीने की मुआवजा राशि की सूची दी जा रही है, लेकिन अभी तक खाते में पैसा जमा नहीं हुआ है।
राशि की जानकारी लेने के लिए किसान बैंक पहुंच रहे हैं, पर राशि नहीं आने की बात सुनकर मायूस हो जा रहे हैं। ज्ञात हो कि पिछले एक महीने से फसलों को हाथी नुकसान पहुंचा रहे हैं। हाथियों के कारण किसानों की चिंता बढ़ी हुई है। हर रोज कुकराडीह के आसपास के गांवों में हाथी धमक रहे हैं। वन अमला भी गश्त कर रहा है, लेकिन फसल हानि नहीं रोक पा रहा है।