हाथियों के दल ने बीती अछोला, कुकराडीह बंजर और लहंगर में फसल को नुकसान पहुंचाया है। इसके पहले दिन मोहकम, लहंगर, पीढ़ी, गढ़सिवनी और केशलडीह में अलग-अलग दल में बंटकर हाथियों ने नुकसान पहुंचाया था। हाथियों की आमद होने के बाद हाथी प्रभावित गांवों के किसानों ने फिर डर बैठ गया है। शाम के बाद डर की वजह से घर से निकल भी नहीं सकते। ग्रामीणों के मुताबिक 20 हाथियों के समूह में तीन टस्कर हैं। ये भोजन की तलाश करते हैं, फिर समूह के बाकी हाथी भी उनके साथ चल पड़ते हैं। अभी ट्यूबवेल के भरोसे खेतों में धान के पौधे बड़े हो रहे हैं।
रोपा-बियासी का काम भी चल रहा है। ऐसे में हाथियों की धमक से किसानों की चिंता बढ़ गई है। गजराज वाहन आने के बाद मिट्टी तेल और टार्च उपलब्ध नहीं कराया जा रहा है, इसलिए किसान रात में अपने खेतों में नहीं जा पा रहे हैं। हाथी भगाओ फसल बचाओ समिति के संयोजक राधेलाल सिन्हा ने कहा कि पिछले एक महीने से हाथी सिरपुर क्षेत्र के गांवों में विचरण कर रहे हैं। अभी कुकराडीह बंजर में हाथियों का दल मौजूद है। यहीं से शाम पांच बजे के बाद अलग-अलग समूह में निकलते हैं और फसल को नुकसान पहुंचाते हैं। अभी बारिश के महीने में हाथियों की आमद से फिर मुश्किलें बढ़ गई है। हाथी कभी भी निकल जाते हैं। अभी हाथियों का समूह अलग-अलग दल में गांवों के आसपास विचरण कर रहा है। इससे किसान भयभीत हैं।